मनुष्य को त्याग देना चाहिए अहंकार

By: May 13th, 2019 12:05 am

गगरेट—श्रीश्री 1008 स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज के परम शिष्य हेमानंद जी महाराज ने रविवार को डेरा बाबा श्री रुद्रानंद सेवा मंडल गगरेट के तत्त्वावधान में मिल्ट्री ग्राउंड गगरेट में आयोजित विराट धार्मिक सम्मेलन प्रवचनों की अमृत वर्षा कर पंडाल में बैठे हजारों श्रोताओं को निहाल कर दिया। हेमानंद जी महाराज ने कहा कि अपनों बच्चों को संतों की सेवा में रखें और संस्कृत का ज्ञान कराएं क्योंकि विद्या से ही विनम्रता आती है। हेमानंद जी महाराज ने कहा कि महापुरुषों के जो भी कार्य होते हैं वह भक्तों के कल्याणार्थ ही होते हैं। जहां-जहां गुरुजन जाते हैं वहां दुख दूर हो जाते हैं। संतों की सेवा में जो रहता है उसमें विनय विनम्रता आ जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में विनम्रता एवं सरलता होनी चाहिए। यह मानव शरीर बड़े पुण्य से मिलता है और मानव शरीर को सदैव श्रेष्ठ कार्यों में ही लगाना चाहिए। मनुष्य को अपने जीवन से अहंकार त्यागना चाहिए। अहंकार श्रेष्ठ को भी बुरा कर देता है। अहंकार त्याग कर मनुष्य को जीवन में पात्रता लानी चाहिए और विद्या ग्रहण करने से विनम्रता आती है और विनम्रता से ही पात्रता मिलती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App