मैं ठहरा अंगूठा छाप, कैसे बन गया पोलिंग अफसर

By: May 9th, 2019 12:01 am

चुनावों से पहले सामने आया सच, प्रशासन ने अनपढ़ मुलाजिमों को भी दे दी बड़ी जिम्मेदारी

नगरोटा बगवां  – एक तरफ जहां प्रशासन पर चुनावी प्रक्रिया संपन्न करवाने का दबाब है, वहीं चुनाव आयोग के कड़े निर्देशों की अनुपालना में कहीं-कहीं प्रशासन हंसी का पात्र भी बन रहा है। नगरोटा बगवां में बुधवार को चुनाव की दूसरी आम रिहर्सल में कई ऐसे ही किस्से देखने को मिले, जिससे कई लोग हैरत में पड़ गए। प्रशासन तक अपनी पहुंच रखने वाले कई रसूखदारों ने तो चुनावी ड्यूटी से छुट्टी पा ली, लेकिन प्रशासन के कड़े चुनावी आदेशों की जद में आए कई अनुभवहीन सरकारी कर्मचारी पसीना-पसीना होते भी नजर आए। हद तो तब हुई जब प्रदेश लोक निर्माण विभाग बड़ोह में सेवारत एक अनुभवहीन जेसीबी आपरेटर करबू राम कहने लगा कि ‘साहब, मैं तो चुनावी प्रक्रिया की एबीसी भी नहीं जानता और मुझे नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में पोलिंग ऑफिसर वन लगाया गया है।’ उसका कहना है कि यदि इस चुनाव प्रक्रिया में परिस्थितिवश प्रिजाइडिंग ऑफिसर अनुपस्थित होता है, तो पूरे मतदान केंद्र की जिम्मेदारी उस पर आ जाएगी। दिलचस्प बात यह भी है कि इसी पोलिंग पार्टी में शिक्षा विभाग में 18 वर्ष के अनुभव के साथ एक प्रोफेसर भी मौजूद हैं, जिन्हें तीसरे दर्जे पर रखा गया है। इतना ही नहीं, इस बार इसी विभाग के टांडा कार्यालय में सेवारत अनपढ़ मिस्त्री सुरेश कुमार तथा नगरोटा बगवां के कार्यरत मिस्त्री रिखी राम भी पोलिंग ऑफिसर के रूप में कार्य करने के मिले आदेशों से न केवल हैरान हैं, बल्कि डरे हुए भी हैं कि कहीं अनजाने में हुई कोताही से उनकी नौकरी पर न बन जाए। ये वे कर्मचारी हैं, जिन्हें पहली बार चुनावी प्रक्रिया में झोंका गया है। आदेशों के बोझ तले सहमे हुए इन कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें तो इस बावत दी जा रही टे्रनिंग और रिहर्सल के गुर भी पल्ले नहीं पड़ रहे। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी असहमति तथा असमर्थता जताई थी, लेकिन बुधवार को उन्हें वे विधानसभा क्षेत्र भी आबंटित कर दिए, जहां उन्हें चुनाव संपन्न करवाने हैं। इस संदर्भ में चुनावी प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि हो सकता है कि ट्रेजरी से वेतन के आधार पर मिले डाटा के हिसाब से ड्यूटी लग गई हो, लेकिन उनकी आपत्तियों को जायज मानते हुए उन्हें चुनावी ड्यूटी से छूट दे दी जाएगी। उन्होंने स्वीकार किया कि इस दौरान अनुभव और योग्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है।


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