मैथ्स-फिजिक्स के छात्र टेंशन में

शिमला—शिमला के आरकेएमवी सहित अन्य कॉलेजों में मैथ्स, फिजिक्स में फेल हुए 70 प्रतिशत छात्रों की चिंता अभी दूर नहीं हुई है। एचपीयू प्रशासन अभी तक फैसला नहीं ले पा रहे हैं कि छात्रों को दूसरी बार पेपर मूल्याकंन का मौका देना चाहिए या नहीं। दरअसल यूजीसी के सेमेस्टर सिस्टम में एचपीयू ने मूल्याकंन सिस्टम को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया है। ऐसे में अब एचपीयू के सामने दुविधा यह हो गई है कि वह इन छात्रों को रिवेलवेशन का एक मौका दे भी या नहीं। बता दें कि एचपीयू ने यूजी वार्षिंक सिस्टम के तहत रिवेलवेशन का प्रावधान तो किया है, लेकिन समेस्टर सिस्टम में यह मौका छात्रों का न देने की बात कही गई थी। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि एचपीयू अपनी परीक्षा शाखा पर कोई ज्यादा भार नहीं डालना चाहते थे। अब प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों से मैथ, फिजिक्स, व कॉमर्स में एक व आधे नंबर से फेल हुए छात्रों की लिखित शिकायत के बाद भी कोई अंतिम फैसला विभाग नहीं ले पा रहा है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूजी छात्रों को रिवेलवेशन केे लिए मौका देना है, इस पर डीन ऑफ स्टीडज के पास फाइल भेजी गई है। कहा जा रहा है कि कुलपति प्रोफेसर सिंकदर कुमार ही इस पर अब अंतिम फैसला लेंगे। गौर हो कि शिमला के आरकेएमवी कॉलेज से ही अकेले 17 से 18 छात्राएं ऐसी है, जिन्हें आधे, एक व दो नंबर से फेल किया गया है। कॉलेज की इन सभी छात्राओं ने विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक को शिकायत भी दी है। छात्राओं का आरोप था कि उन्हें असेसमेंट के पूरे नंबर दिए गए, लेकिन थ्यौरी में उन्हें आधे, एक दो नंबर से फेल किया गया है। हैरत तो इस बात की है कि एक साथ इतने छात्र इतने कम नंबर से कैसे फेल हो सकते है। इससे कई पहलू सामने आते है, कि शिक्षकों ने टफ मार्किंग छात्रों की परीक्षाओं से की है। यूं भी कहा जा सकता है कि पेपर चैक करते हुए शिक्षकों  से भी कोई भूल हुई हो। फिलहाल इन सभी अंदेशों को दूर करने के लिए जरूरी है कि एचपीयू रिवेलवेशन या फिर छात्रों को दूसरा मौका दें। एचपीयू के इस मामले पर जल्द फैसला न लेने की वजह से यूजी के छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। छात्र व छात्राएं पीजी के एंट्रास के लिए भी तैयारी नहीं कर पा रहे है। ऐसे में अब आधे एक व दो नंबर से फेल हुए छात्रों के हक में अन्य छात्र संगठन भी आगे आ गए है। इस मामले पर अगर कोई फैसला नहीं लिया गया तो आने वाले समय एचपीयू को छात्रों के आंदोलन को भी फेस करना पड़ सकता है। वहीं इस मामले पर एचपीयू के डीन ऑफ स्टडी अरंविद कालिया का कहना है कि इस मामले पर चर्चा की जा रही है। यूजीसी के नियमोंं के तहत छात्रों के हक में जल्द इस बारे में फैसला लिया जाएगा।