शिमला -दिव्य हिमाचल वेब टीवी पर जीरो बजट खेती और अंग्रेजी खाद को लेकर प्रदर्शित रिपोर्ट पर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना् की र्राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई ने कहा है कि शून्य लागत खेती और रासायनिक खाद की खपत का आपस में कोई संबंध नहीं है। कृषि विभाग के कार्यकारी निदेशक, राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई का कहना है कि रासायनिक खाद की खपत घटने के पीछे जीरो बजट प्राकृतिक ख्ेाती कारण नहीं हो सकता। अंग्रेजी खाद की खपत घटने के पीछे शून्य लागत प्राकृतिक खेती ही है, ऐसा कोई भी दावा इकाई की ओर से नहीं किया गया है। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंर्तगत शून्य लागत प्राकृतिक खेती विधि द्वारा प्रदेश भर के किसानों को जागरूक तथा प्रशिक्षित किया जा रहा है। किसान की फसल उत्पादन लागत को न्यूनतम करके जहर मुक्त उत्पाद तैयार करके उसकी आय को दोगुनी करने का एक सार्थक प्रयास प्रदेश में शुरू किया है। इन जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्त्रमों के माध्यम से अभी तक प्रदेश के सभी विकासखंडों में 2669 किसानों ने शून्य लागत प्राकृतिक ख्ेाती को अपना लिया है। हम ये भी मानते हैं कि किसानों के पास पहले से ही खेती करने के अलग.अलग विकल्प हैं,जैसे रासायनिक खेती।