लापरवाही पर फंसे बीस डाक्टर

हिमकेयर स्वास्थ्य योजना में लाभ न मिलने पर मरीजों ने सरकार से की थी शिकायत, जांच के बाद होगी कार्रवाई

शिमला-स्वास्थ्य योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले 20 डाक्टर और फंस गए हैं। जानकारी के मुताबिक इन डाक्टरों के खिलाफ प्रदेश सरकार को मरीजों ने सीधे ही शिकायत की है, जिस पर जल्द ही जांच के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाने वाली है। गौर हो कि आईजीएमसी के सीनियर डाक्टर के खिलाफ पेश आई शिकायत पर उन्हें चार्जशीट करने के बाद सरकार ने इस मामले को और गंभीरता से लिया है। इसमें मरीजों द्वारा जिन डाक्टर्ज की शिकायत सीधे सरकार से की जा रही है, उन चिकित्सकों की लिस्ट तैयार करके उनके खिलाफ जल्द ही एक्शन लिया जाने वाला है। फिलहाल आईजीएमसी के सीनियर डाक्टर के खिलाफ आई शिकायत के मुताबिक डाक्टर ने प्रभावित  की सर्जरी के लिए 42 हजार रुपए जमा करने के लिए कहा था, जिस पर गाज गिरी है। गौर हो कि हिमकेयर में इलाज के तहत यह खर्चा मरीज का नहीं लगता है। स्वास्थ्य क्षेत्र में कई ऐसी योजनाएं हैं, जिस पर मरीजों ने समय पर सहायता नहीं मिलने पर अपनी आवाज उठाई है। बहरहाल सरकार के पास मरीजों की आर्थो के उक्त डाक्टर पर कई शिकायतें अच्छा व्यवहार न करने को लेकर भी आ रही थीं। लिहाजा सरकार ने सीनियर डाक्टर को भी नहीं बख्शा है। उल्लेखनीय है कि सरकार के निर्देशों के तहत सबसे ज्यादा नजर प्रदेश के उन डाक्टर्ज पर रखी जा रही है, जो मरीज के इलाज में खासतौर पर उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, जो काफी महंगे होते हैं और उसका खर्चा स्वास्थ्य योजनाआें से आसानी से निकल सकता है, लेकिन फिर भी उन्हें बाहर से उपकरणों को खरीदने की सलाह दी जाती है। देखा जाए, तो प्रदेश भर के अस्पतालों में प्रतिदिन लगभग दो हजार से ज्यादा ऐसे मरीज आते हैं, जो स्वास्थ्य योजना में इलाज का लाभ लेना चाहते हैं। इसमें आईजीएमसी के ऑर्थो विभाग और कार्डियोलॉजी विभाग में ही चालीस से पच्चास फीसदी मरीज प्रदेश भर से ऐसे भर्ती होते हैं, जिनकी सर्जरी करनी पड़ती है। ऑर्थो और सर्जरी के उपकरण वैसे ही बहुत महंगे होते हैं, लिहाजा प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य योजना को गंभीरता से इस्तेमाल करने के निर्देश जारी किए हैं।

आईजीएमसी के डाक्टर से जवाब तलब 

आईजीएमसी के संबंधित ऑर्थो के सीनियर डाक्टर पर जल्द जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश सरकार ने जारी कर दिए हैं। सूचना है कि उक्त डाक्टर से इस बारे में जवाब भी मांगा है। देखा जाए, तो हिमाचल में स्वास्थ्य योजनाएं काफी बेहतर चल रही हैं। ऐसे में सरकार का मानना है कि यदि डाक्टरों द्वारा इस तरह की लापरवाही बरती जाए, तो यह हिमाचल के लिए गंभीर विषय है।