लीडरशिप में महिलाएं पीछे
चंडीगढ़ में विशेष सेमिनार में मिसेज इंडिया इंटरनेशनल के बोल
चंडीगढ़ – मिसेज इंडिया इंटरनेशनल-2017 नीतू प्रभाकर ने कहा है कि महिलाओं में प्रतिभा बहुत है, लेकिन दस में से एक ही महिला को नेतृत्व अथवा लीडरशिप का मौका मिलता है। महिलाएं कौशल विकास में आगे हैं। इसके बावजूद कॉरपोरेट अथवा उद्योग जगत में महिलाओं को पुरूषों के मुकाबले वेतन भी कम मिलता है। नीतू प्रभाकर स्थानीय पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा ‘मदाम गु्रप के सहयोग से वूमन इंपावरमेंट लिवरेजिंग जैंडर डायवर्सिटी’ विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मार्केट के नियमानुसार ही महिलाओं का वेतन होना चाहिए, क्योंकि वेतन संस्थान में उनकी वैल्यू को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की बराबरी की बात तो होती है, लेकिन उनके दोयंम दर्जे का व्यवहार हर जगह होता है। इस अवसर पर बोलते हुए मोहाली स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के सहायक निदेशक कर्नल राजीव भार्गव ने मैकेंजी की एक रिपोर्ट के हवाले से कॉरपोरेट जगत में महिलाओं को बराबरी का दर्जा प्रदान करने पर बल देते हुए कहा कि देश की कुल जनसंख्या का 48.5 प्रतिशत महिलाएं हैं। देश के जीडीपी में महिलाओं का योगदान मात्र 17 प्रतिशत है। सेमिनार को संबोधित करते हुए सेक्टर-36 स्थित एमसीएम डीएवी कालेज में पुलिस एडमिस्ट्रेशन एंड क्रिमिनालॉजी विभाग की सहायक प्रो. शैलजा बैनीवाल ने कहा कि महिलाओं में सशक्तिकरण की भावना खुद से पैदा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को महिला या पुरूष की दृष्टि से देखने की बजाए सामान्य दृष्टि से देखा जाए।
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