लोकायुक्त एक्ट लागू नहीं कर पाई सरकार

By: May 2nd, 2019 12:01 am

शिमला – हिमाचल प्रदेश में सशक्त लोकायुक्त सिर्फ नाम बड़े और दर्शन छोटे साबित हो चुका है। पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में लोकायुक्त एक्ट-2014 को राष्ट्रपति ने 30 जून, 2015 को मंजूरी दे दी थी, लेकिन वर्तमान की जयराम सरकार एक्ट लागू करने के साथ-साथ लोकायुक्त की नियुक्ति भी नहीं कर पाई। हालांकि पूर्व लोकायुक्त जस्टिस एलएस पांटा दो फरवरी, 2017 को सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन 14 महीने से लोकायुक्त की कुर्सी खाली चल रही है। प्रदेश में सशक्त लोकायुक्त एक्ट लागू करने के लिए रूल एंड रेगुलेशन तैयार हो चुका है। पिछले करीब एक साल से गृह विभाग नए नियमों को तैयार करने में जुटा रहा। अब यह पूरी तरह से बन कर तैयार है। उल्लेखनीय है कि 30 जून, 2015 को देश के राष्ट्रपति ने हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त एक्ट-2014 को मंजूरी दे दी थी। इसके मद्देनजर नए सिरे से रूल्ज एंड रेगुलेशन बनाने की कवायद गृह विभाग ने शुरू की थी। वर्ष 1983 यानी करीब 33 साल बाद हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त के रूल्ज एंड रेगुलेशन में पूरी तरह से बदलाव होने जा रहा है। नया स्टाफ से लेकर सभी विंग को स्थापित करने के लिए सभी नियमों को तैयार कर दिया है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त एक्ट-1983 में जांच व अभियोजन विंग नहीं था, जिसे स्थापित करने के लिए पूरा स्टाफ भी चाहिए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त एक्ट-2014 में निदेशक जांच तथा निदेशक अभियोजन की नियुक्ति होनी है। हालांकि यहां प्रशासनिक विंग पहले से ही हैं, लेकिन न्यू एक्ट लागू होने से स्टाफ में भी वृद्धि होगी। लोकायुक्त एक्ट-2014 के तहत लोकायुक्त का अपना पुलिस थाना होगा। पहले चरण में शिमला, धर्मशाला व मंडी में लोकायुक्त पुलिस थाना खुलेंगे, लेकिन इस मसले पर भी अभी तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। लोकायुक्त थोने में ही केस दर्ज किए जाएंगे। प्रोहिबिशन ऑफ क्रप्शन एक्ट-1988 (केंद्र) तथा 1983 (राज्य) के तहत इन लोकायुक्त पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किए जाएंगे। कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर एक्ट-1973 के तहत पुलिस स्टेशनों की प्रक्रिया चलेगी।

कोर्ट ने मांगा जवाब

पिछले 14 महीने से खाली चल रहे लोकायुक्त को लेकर प्रदेश हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। गत मंगलवार को हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार से इस मसले पर अगामी छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। यानी मामले पर अब नौ जुलाई को सुनवाई होनी है। उस समय सरकार को बताना होगा कि लोकायुक्त की नियुक्ति किन कारणों से नहीं हो पा रही है। इसके साथ-साथ मानवाधिकार आयोग 2005 से क्रियाशील न होने पर भी कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App