शिमला…स्कूलों को नोटिस की तैयारी

शिमला—राजधानी शिमला के सरकारी स्कूलों में पिछले पांच माह से नशे में संलिप्त छात्रों को इस लत से छुड़वाने के लिए क्या किया जा रहा है, इस बाबत शिक्षा विभाग ने स्कूलों से रिपोर्ट तलब की है। शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा है कि नशे में संलिप्त छात्रों की सहायता के लिए क्या कदम उठाए हैं, वहीं ड्रग फोर्स कमेटी किस लेवल पर छात्रों को काउंसलिंग दे रही है। शिक्षा विभाग ने जिला के कई स्कूल प्रबंधन को ड्रग फोर्स कमेटी का गठन न करने पर फटकार भी लगाई है। वहीं साफ कहा गया है कि कमेटी का गठन न करने वाले स्कूलों को अब नोटिस जारी किए जाएंगे। छात्रों को काउंसिलिंग देने के लिए शिक्षकों का चयन किस प्रकार से किया जा रहा है, यह सब जानकारी शिक्षा विभाग ने जिला के स्कूलों से मांगी है। खास बात यह है कि उच्च शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन से यह भी जवाब मांगा है कि नशे की गिरफ्त में पड़े छात्रों के अभिभावकों को सूचित किए जाने के बाद उनका क्या जवाब रहा है, इस बारे में भी जानकारी भेजी जाए। दरअसल शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला के कई ऐसे सरकारी स्कूल हंै, जहां पर अभी तक ड्रग फोर्स कमेटी का गठन नहीं हुआ है। ऐसे में कई स्कूलों में अभी भी छात्र स्कूल में लंच समय में विभिन्न नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने जिला के स्कूलों को रिमाइंडर जारी कर छात्रों को नशे से दूर रहकर और स्पोर्ट्स की तरफ प्रोत्साहित करने को कहा है। हैरानी है कि शिमला के स्कूलों में बंक मारकर सूटा मारने के लिए छात्र जैसे-तैसे कर समय निकाल रहे हैं। हैरानी तो इस बात की है कि स्कूलों में गठित की गई ड्रग फोर्स कमेटी भी सभी छात्रों की पहचान नहीं कर पा रही है। यह खुलासा शिक्षा विभाग में आई एक रिपोर्ट और कई शिकायतों में हुआ है। शिमला के कई सरकारी स्कूलों ने कुछ एक छात्रों को नशा करते हुए पकड़ा भी है, उन छात्रों को काउसलिंग भी दी जा रही है। वहीं यह भी सच है कि शिमला में स्कूली छात्रों को सूटे से दूर रखने मंें ज्यादा सफलता शिक्षा विभाग को नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी स्कूलों को एक बार फिर से रिमाइंडर जारी किए है। इसके साथ ही स्कूलों में नशा करने वाले छात्रों की पहचान कर उन्हें 15 व एक माह तक काउंसिलिंग भी देनी होगी।

गुप्त रखनी होगी छात्रों की पहचान

शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि सूटा मारने और अन्य नशा करने वाले छात्र की पहचान को गुप्त रखा जाए। इसके साथ ही अभिभावकों को स्कूल में बुलाकर उन्हें उनके बच्चों के बारे में बताया जाए।