समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो बच सकती थी घायल की जान

शिलाई—समय रहते यदि 108 एंबुलेंस मौके पर उपलब्ध हो जाती तो नाया पंजोड़ पंचायत के तांदियों निवासी बंसी राम को बचाया जा सकता था, लेकिन 108 एंबुलेंस सेवा तेल न होने के कारण ठप थी। परिजन 108 पर कॉल करते रहे, दूरदराज क्षेत्र में कोई अन्य वाहन सुविधा उपलब्ध न होने की वजह से घायल बंसी राम के शरीर से अत्याधिक रक्त स्त्राव होने से उसकी मौत हो गई। बीते रविवार को तांदियों निवासी बंसी राम पशुचारा लेने जंगल मंे गया था। पैर फिसल जाने से वह करीब 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। जब देर शाम वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से तलाश आरंभ की। तलाशी के बाद देर रात बंसी राम घायल अवस्था में गहरी खाई में मिला। उसके सिर, टांगों, बाजुओं में चोटें आई थी। अत्याधिक खून बह रहा था। ग्रामीणों ने रात के अंधेरे में कड़ी मशक्कत के बाद उसे सड़क तक पहुंचाकर 108 पर कॉल कर एंबुलेंस की मांग की, लेकिन कॉल सेंटर से कभी एंबुलेंस बिजी तो कभी तकनीकी खराबी बताई। पूरी रात दर्जनों बार कॉल करने पर न तो 108 एंबुलेंस आई न अन्य निजी वाहन का बंदोबस्त हो पाया। पूरी रात जख्मों से खून बहने से बंसी राम की उपचार के अभाव से मौत हो गई। निजी वाहन का बंदोबस्त कर ग्रामीण उसे सोमवार प्रातः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिलाई लाए तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीण सुखराम शर्मा, महेंद्र शर्मा, जागर सिंह व बाबू राम ने बताया कि शिलाई पहुंचने पर 108 कर्मियों से पूछताछ कर उन्हें पता चला कि पिछले छह दिनों से 108 एंबुलेंस में तेल खत्म होने से सेवा ठप है। 108 प्रशासन के प्रति ग्रामीणों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि 108 की लापरवाही से एक व्यक्ति की जान गई है। इनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। सेवा प्रदाता जीवीके 108 को तत्त्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए। समय रहते यदि 108 मौका पर पहुंच जाती तो बंसी राम की जान बचाई जा सकती थी। उधर स्वास्थ्य खंड अधिकारी शिलाई डा. निर्दोष कुमार भारद्वाज ने बताया कि मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि जख्मों से ज्यादा खून बहने से घायल बंसी राम की मौत हुई है।