सम्राट अकिहितो ने छोड़ी राजगद्दी, बेटे को सौंपी कमान

By: May 1st, 2019 12:04 am

टोक्यो -जापान के सम्राट अकिहितो सुनहरे-भूरे रंग के पारंपरिक लिबास और काले रंग की परंपरागत जापानी टोपी पहने मंगलवार को राजपरिवार के प्रार्थना स्थल पर पहुंचे। इसके साथ ही उनके पद त्यागने से जुड़े रीति-रिवाजों की शुरुआत हुई। दुनिया के सबसे पुराने राज परिवार में 200 साल में पहली बार किसी सम्राट ने अपना पद राजी-खुशी छोड़ा है। अकिहितो अपना ‘क्राइसैंथिमम थ्रोन’ अपने सबसे बड़े बेटे युवराज नारुहितो (59) को सौंप रहे हैं। नारुहितो बुधवार को एक अलग समारोह में सम्राट का पद ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही ‘रेइवा’ नामक नए राजशाही युग की शुरुआत होगी। यह युग नारुहितो के पूरे शासनकाल तक जारी रहेगा। स्थानीय समयानुसार शाम करीब पांच बजे रीति-रिवाज शुरू हुए। 85 वर्षीय सम्राट ने इम्पीरियल पैलेस में आयोजित एक समारोह के दौरान राजपरिवार के सदस्यों और सरकार के वरिष्ठजनों को अपने फैसले से अवगत करवाया। सम्राट का कार्यकाल मंगलवार रात 12 बजे समाप्त हो गया। उसके बाद बुधवार को युवराज नारुहितो को राजपरिवार की तलवार, मूल्यवान आभूषण और राजपरिवार की मुहर सौंपी जाएगी। अकिहितो सिर्फ 13 साल के थे, जब दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ और जापान की उसमें हार हुई। अपने समकालीन दिग्गज शख्सियतों से अलग उन्होंने कभी दूसरे विश्व युद्ध के लिए अफसोस नहीं जताया। अकिहितो कई अर्थों में परंपराओं को तोड़ने वाले सम्राट साबित हुए। 1992 में उन्होंने चीन का दौरा किया और यह किसी जापानी शासक का पहला चीन दौरा था। इतना ही नहीं जापानी राजघराने की 1500 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए उन्होंने राजघराने की नहीं, बल्कि एक साधारण महिला से विवाह किया।

इसलिए लिया फैसला

जापानी राजघराने के करीब 200 साल के इतिहास में अकिहितो पहले राजा हैं, जिन्होंने अपनी इच्छा से राजगद्दी छोड़ी है। 2016 में सम्राट अकिहितो ने देश के नाम एक खास संबोधन में कहा था कि उन्हें इस बात का डर है कि उनकी बढ़ती उम्र के कारण वह एक राजा की ड्यूटी ठीक तरह से नहीं निभा पाएंगे। उसी समय उन्होंने इस बात के साफ संकेत दिए थे कि वह राजगद्दी छोड़ना चाहते हैं। उसके एक साल बाद 2017 में जापान की संसद ने एक खास कानून बनाकर उन्हें राजगद्दी छोड़ने की इजाजत दी।

126वें राजा होंगे नारुहितो

राजकुमार नारुहितो जापान के 126वें राजा होंगे। अकिहितो ने 1989 में राजगद्दी संभाली थी। वह 30 साल तक सम्राट रहे और अब अपनी मर्जी से राजगद्दी छोड़ी है। 59 साल के नारुहितो ऑक्सफोर्ड में पढ़े हैं और 28 साल की उम्र में युवराज घोषित कर दिए गए थे। 1986 में एक चाय पार्टी के दौरान उनकी मुलाकात प्रिंसेज मसाको ओवाडा से हुई, जो बाद में 1993 में उनकी पत्नी बनीं। नारुहितो और मसाको की सिर्फ एक बेटी है, जिनका नाम प्रिंसेज आइको है और वह 18 साल की हैं, लेकिन जापान के मौजूदा कानून के तहत महिलाओं को राजगद्दी नहीं मिलती है, इसलिए वह जापान की अगली वारिस नहीं हैं। इसलिए नए सम्राट नारुहितो के भाई राजकुमार फमिहितो अगले वारिस हैं।


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