साहब की सुनें या शिक्षा संहिता मानें

By: May 30th, 2019 12:04 am

जिला सिरमौर में इन दिनों असमंजस की स्थिति,शिक्षकों के सामने नया संकट

नौहराधार -जिला सिरमौर के शिक्षक आजकल असमंजस की स्थिति में हैं कि शिक्षा संहिता का पालन करें अथवा उपनिदेशक निरीक्षण के मौखिक आदेश मानें। शिक्षा उपनिदेशक निरीक्षण आजकल शिक्षक संस्थानों के निरीक्ष में हैं, परंतु गुणात्मक शिक्षा के स्थान पर अपने व्यक्तिगत आदेशों को लागू करवाने पर अड़े हैं। शिक्षा संहिता 2013 के अनुच्छेछ 2-18 एक दो मंे स्पष्ट लिखा है कि विद्यालय में प्रवेश के समय पूर्व विद्यालय का निर्धारित प्रपत्र पर विद्यालय त्याग प्रमाण पत्र लिया जाए, परंतु शिक्षा उपनिदेशक निरीक्षण ने लिखित आदेश दिए कि किसी को भी विद्यालय त्याग प्रमाण पत्र न दिया जाए, बल्कि अपने स्तर पर तैयार किया गया प्रमाण पत्र देने को कहा जा रहा है। जिससे एक विद्यार्थी द्वारा दो-दो संस्थानों में प्रवेश लेने की संभावना बढ़ गई है। शिक्षा संहिता के अनुच्छेद 2-17-2 स्पष्ट करता है कि जमा दो कक्षा मंे प्रवेश रोल नंबर आधार पर दिया जाए न कि अलग से, जबकि उपनिदेशक इसके विपरीत जमा एक एवं जमा दो दोनों कक्षाओं में अलग-अलग प्रवेश संख्या देने, अलग-अलग प्रवेश रजिस्टर लगाने तथा अलग प्रवेश शुल्क लेने के आदेश दे रहे हैं। इसी प्रकार समयसारिणी को विद्यालय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों के आधार पर न बनाकर उनके आदेशों अनुसार एक समान बनाने हेतु कहा जा रहा है। जिला प्रवक्ता संघ ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि शिक्षा उपनिदेशक जमा एक व जमा दो के विद्यार्थियों की दिन में नौ बार हाजिरी लगाने के आदेश दे रहे हैं, ताकि अनुपस्थित विद्यार्थियों से नौ रुपए प्रतिदिन जुर्माना लिया जा सके। इससे जहां गरीब बच्चों तथा अभिभावकों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। वहीं शिक्षकों का अधिकतर समय मात्र हाजिरी लगाने में जाया होगा। हैरानी की बात तो यह है कि शिक्षकों को डराने धमकाने अथवा अपनी व्यक्तिगत धाक जमाने के लिए राज्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों तक का भी स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है , जिन्होंने लगातार कई वर्षों से अति उत्कृष्टट परीक्षा परिणाम दिए हैं। प्रवक्ता संघ का मानना है कि संभवतः यह सब किसी विशेष शिक्षक वर्ग को निचा  दिखाने के लिए किया जा रहा है। एक-एक विद्यालय में बिना किसी विशेष कार्य अथवा बिना गुणात्मक सुझावों के अपनी फिलोसिफी बताने हेतु सुबह से शाम साढ़े छह बजे तक निरीक्षण कर शिक्षकों को मात्र प्रताडि़त किया जा रहा है। यही नहीं प्रधानाचार्य से संबंधित रपट बाद में व्हाट्स ऐप पर मांगी जा रही है। जिला प्रवक्ता संघ अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि इन सभी विषयों पर शीघ्र ही राज्य प्रवक्ता संघ राज्य अध्यक्ष केसर ठाकुर के नेतृत्व में शिक्षा निदेशक से मिलेगा।

 


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