स्ट्रोक भी हो सकता है एप्निया

By: May 22nd, 2019 12:02 am

अमृतसर। नींद में सांस लेने की प्रक्रिया में आई रुकावट को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया (खर्राटे) कहते हैं। सांस रुकने का अंतराल चंद सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक हो सकता है। लंबे समय तक ओएसए का बना रहा उम्रदराज लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। यह जानकारी एपैक्स अस्पताल की ईएनटी सर्जन डा. अर्पिता कंसल ने सिटी सर्कल से बातचीत करते हुए दी। डा. अर्पिता कंसल बताती हैं कि आमतौर पर नींद में खर्राटे भरने वालों का मजाक उड़ाया जाता है, लेकिन लोग यह नहीं जानते कि यह एक समस्या है, जो नींद में ही स्ट्रोक को भी आमंत्रित कर सकती है। खर्राटे भरना यानी स्लीप एप्निया का माइल्ड रूप है। एप्निया नींद में सांस लेने में रुकावट को दर्शाता है, जिसकी वजह से व्यक्ति नींद के दौरान बार-बार झटकों से जागता है, लेकिन सुबह नींद खुलने के बाद उसे ये याद नहीं रहता। ओएसस से पुरुष महिलाओं के मुकाबले अधिक प्रभावित होते हैं।

 


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