रैली में प्रधानमंत्री को सुनने को आए लोगों के लिए छोटी पड़ी छोटी काशी, पड्डल में नहीं बची तिल धरने को जगह
और समेट ली सारी बीडि़यां
रैली स्थल के अंदर बीड़ी, सिगरेट, लाइटर ले जाना प्रतिबंधित रहता है, लेकिन फिर लोग ये सामग्री ले आते हैं। इस बार भी एंट्री प्वाइंट पर जब चैकिंग हुई तो बीड़ी के बंडल और लाइटर, माचिस के ढेर लग गए। हालांकि बाद में एक-दो बुजुर्ग आए सारी बीडि़यां, सिगरेटर बैग में भरकर चलते बने।
हमें भी ड्यूटी करनी है
दोपहर दो बजे तक पंडाल में तिल धरने को भी जगह नहीं थी, लेकिन लोग थे कि धूप से बचने और कुर्सी पाने के लिए लालायित थे। इस बीच कुछ महिलाएं पुलिस कर्मियों से जबरदस्ती कर अंदर जाने लगीं तो पुलिस कर्मी को कहना पड़ा अंदर जगह नहीं है। माफ करो हमें भी ड्यूटी करनी है।
मैं जिला अध्यक्ष हूं अंदर जाने तो
प्रेस ब्लॉक के साथ ही पार्टी के पूर्व एमएलए, बीडीसी मेंबर सहित अन्य पदाधिकारियों के लिए ब्लॉक बनाया था। भीड़ बढ़ी तो वहां जगह कम पड़ने लगी। सुरक्षा कर्मी ने सबको रोक दिया और कार्ड देखने के बाद ही एंट्री देने लगा। इस बीच पार्टी के एक विंग के नेता ने कहा मैं जिला अध्यक्ष हूं मुझे जाने दो
शांता बोल गए सत्यपाल सत्ती
मंच पर भाजपा नेताओं का नाम लेते समय शांता कुमार ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष का नाम सत्यपाल सत्ती पुकार दिया। हालांकि उन्होंने इसे ठीक नहीं किया। सबकुछ इतना जल्दी में हुआ कि अधिकतर लोग इस बात को नोटिस नहीं कर पाए।
ये मरी-मरी आवाज मंडी वालों की नहीं
संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने जब जनता से सवाल-जवाब किए तो धीमी आवाज के साथ उत्तर देने पर नरेंद्र मोदी ने भी चुटकी ली। मोदी ने कहा यह मरी-मरी आवाज मंडी वालों की नहीं है।
कोई नहीं गया मोदी को लेने
प्रधानमंत्री रैली पर पहले ही लेट पहुंचे। हालांकि प्रधानमंत्री का उलड़खटोला रैली स्थल से दो किलोमीटर दूर कांगणी धार में उतरा, लेकिन न तो सीएम और न ही कोई अन्य नेता कांगणी धार पीएम के स्वागत के लिए गया। सभी ने का मंच के पीचे ही स्वागत किया।
सराजियों ने डाली नाटी
रैली में सराज से भी काफी संख्या में लोग पहुंचे थे। सुबर पड्डल मैदान में प्रवेश से पहले सराज के 50 से ज्यादा लोगों ने 20 मिनट तक नाटी डाली। इसमें काफी तादाद में महिलाएं भी शामिल थीं।
बिना आई कार्ड कालेज में भी नो एंट्री
सुरक्षा के लिए लिहाज से पुलिस ने पड्डल मैदान के साथ कालेज की तरफ भी रास्ते बंद कर दिए थे तो कालेज गेट से भी स्टूडेंट्स को आईकार्ड दिखाने पर ही ऐंट्री मिल रही थी।
चिलचिलाती गर्मी में आइसक्रीम का सहारा
रैली में चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए लोगों ने कुल्फी और आइसक्रीम का सहारा लिया। इससे कुल्फी, आइसक्रीम बेचने वालों की पौबारह तो हुई ही बल्कि रैली के लिए पहुंचे लोगों को भी राहत मिली।
होटल-ढाबों की चांदी
रैली के चलते शहर भर के होटल और ढाबों की भी खूब चांदी हुई। होटल करीब-करीब जैम-पैक थे, वहीं दिन को भी रैली के लिए पहुंचे लोग भूख मिटाने ढाबों में पहुंचे।