2019 में कश्मीर में 60 प्रतिशत कम हुई हिंसा

By: May 12th, 2019 12:02 am

श्रीनगर – भारत का स्वर्ग कहे जाना वाला कश्मीर पिछले कई दशकों से आतंकी हमलों और कई हिंसात्मक घटनाओं का साक्षी रहा है। पर अब यहां कुछ शांति मिलती हुई दिख रही है। जानकारी के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले इस साल वादी में हिंसक प्रदर्शनों में 60 प्रतिशत की कमी आई है, जिसकी वजह से सुरक्षाबलों की तरफ से पैलेट गन का इस्तेमाल भी कम किया गया है। इस साल अब तक उपलब्ध पैलेट स्टॉक का दस प्रतिशत भी इस्तेमाल नहीं किया जा सका है। हालांकि इसकी वजह मानवाधिकारों के कथित झंडाबरदारों और विभिन्न राजनीतिक दलों की तरफ से पैलेट गन के मुद्दे पर मचाया जाने वाला सियासी शोर कदापि नहीं है। इसके बजाय पैलेट गन के इस्तेमाल में कमी के पीछे कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा अपनाए जाने वाले स्टेंडर्ड आपरेशनल प्रोसीजर (एसओपी) में बदलाव के अलावा हिंसक प्रदर्शनों में कमी जिम्मेदार हैं। कश्मीर घाटी में वर्ष 2010 में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों की तथाकथित फायरिंग में 116 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने कम घातक हथियारों पैलेट गन, मिर्ची बम, रबर बुलेट इत्यादि के विकल्प को अपनाया था। लेकिन वर्ष 2016 में वादी में हिंसक प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा पैलेट दागे जाने से कई लोगों की मौत हुई, कइयों की आंखों की रोशनी चली गई।


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