300 पहली बार बने सांसद

By: May 25th, 2019 12:03 am

नई दिल्ली – सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में विजयी होने वाले 542 उम्मीदवारों की औसत आयु 54 वर्ष है और 300 ऐसे हैं, जो पहली बार सांसद बने हैं, जबकि 394 ऐसे हैं, जो कम से कम स्नातक स्तर तक शिक्षा प्राप्त हैं। इस चुनाव में 27 प्रतिशत सांसद 12वीं तक शिक्षित हैं , जबकि 16वीं लोकसभा में 20 प्रतिशत सांसद ही 12वीं तक शिक्षित थे। इस चुनाव में 43 प्रतिशत सांसद स्नातक हैं, तो 25 प्रतिशत स्नातकोत्तर (एमए) हैं और चार प्रतिशत डाक्टरेट हैं। 1996 से लेकर अब तक सभी लोकसभा में कम से कम 75 प्रतिशत सांसद स्नातक रहे हैं। इस लोकसभा के सांसदों की औसत आयु 54 वर्ष है। उन्तालिस प्रतिशत सांसद सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यों से जुड़े हैं, जबकि 38 प्रतिशत सांसद खेती करते हैं। तेईस प्रतिशत सांसद व्यापार जगत से और चार प्रतिशत सांसद वकील और डाक्टर हैं। दो प्रतिशत सांसद पेशे से शिक्षक हैं और तीन प्रतिशत सांसद कलाकार हैं। इस लोकसभा में 12 प्रतिशत सांसदों की आयु 40 साल से कम है, जबकि 16वीं लोकसभा में केवल आठ प्रतिशत सांसदों की आयु 40 साल से कम थी। इसका अर्थ यह हुआ कि इस लोकसभा में युवा सांसदों की सख्या अधिक है। पहली लोकसभा में 26 प्रतिशत सांसद 40 वर्ष से कम थे। इस लोकसभा में महिला सांसदों की उम्र पुरुषों की तुलना में औसतन छह साल कम है। इस बार 78 महिलाएं चुनाव जीतकर आईं हैं, जबकि पुरुष सांसदों की संख्या 464 हैं। इस बार पिछले लोकसभा की तुलना में 16 अधिक महिला सांसद चुनाव जीतकर आईर्ं हैं। छह प्रतिशत सांसद 70 साल से अधिक हैं। बारह प्रतिशत सांसद 25 से 40 साल के बीच में हैं। इकतालिस प्रतिशत सांसद 41 से 55 वर्ष के हैं, जबकि 42 प्रतिशत 56 से 70 साल के हैं। 542 सांसदों में  300 सांसद ऐसे हैं, जो पहली बार चुनकर आए हैं और 197 सांसद ऐसे हैं जो 16वीं लोकसभा में भी थे, जो इस बार फिर चुनाव जीते हैं।

लोकसभा में पहुंची रिकार्ड महिला सदस्य

नई दिल्ली – लोकसभा में इस बार पहले की तुलना में सबसे अधिक महिला सांसद दिखाई देंगी। सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में 78 महिलाएं निर्वाचित हुई हैं, जो अब तक के चुनावों में सबसे अधिक है। इस बार कुल 542 लोकसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में 716 महिला प्रत्याशियों ने अपनी चुनावी किस्मत आजमाई थी, जिनमें से 78 विजयी होने में कामयाब रही। वर्ष, 2014 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में 62 महिलाएं निर्वाचित हुई थी। महिला प्रतिनिधियों की संख्या निचले सदन में धीरे-धीरे बढ़ रही है। पहले लोकसभा चुनाव में पांच प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व था, जो अब बढ़कर 14 प्रतिशत पर पहुंच गया है। तृणमूल कांग्रेस ने इस चुनाव में सार्वाधिक 50 प्रतिशत महिलाओं को उम्मीदवार बना कर राजनीतिक दलों के समक्ष एक नया उदाहरण पेश किया। इस बार चुनाव जीतने वाली प्रमुख उम्मीदवारों में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, हरसिमरत कौर बादल, स्मृति ईरानी तथा अनुप्रिया पटेल, फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी, भाजपा की  प्रज्ञा ठाकुर, पूनम महाजन, किरण खेर, द्रमुक की कनिमोझी तथा कांग्रेस की परनीत कौर शामिल हैं।


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