31 का हुआ सी-डैक मोहाली 

मोहाली – सी-डैक ने अपना 31वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर सी—डैक ने संस्थान द्वारा विकसित नए तकनीकी उत्पादों का प्रमोचन किया। समारोह के मुख्यातिथि टीबीआरएल के निदेशक डा. मंजीत सिंह व सरकारी मेडिकल कालेज और अस्पताल चंडीगढ़ के चिकित्सा अधीक्षक डा. रवि के गुप्ता थे। सी-डैक मोहाली ने उस कार्यक्रम में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का शुभारंभ किया, जिसमें 500 से अधिक मेहमानों ने भाग लिया था। साइबर सुरक्षा टीम के राकेश सहगल व अन्य ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक साइबर सुरक्षा प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली साइबर हमलों की प्रारंभिक चेतावनी के लिए स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करता है। यह प्रणाली बड़े पैमाने पर कब्जा करती है। उन्होंने अल्ट्रा-लो पावर डब्लूएसएन डॉट्स और मल्टीप्रोटोकॉल गेटवे के साथ एक स्वदेशी रूप से विकसित वायरलेस सेंसर नेटवर्क (डब्ल्यूएसएन) प्लेटफॉर्म भी लांच किया गया। यह सिस्टम रिमोट मॉनिटरिंग के लिए वायरलेस तरीके से सिग्नल कैप्चर करने में सक्षम है। सी-डैक के इंजीनियर डा. मनजीत सिंह ने प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सी-डैक इसमें महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर की तरह नई प्रौद्योगिकियां सुरक्षा प्रणाली समय की जरूरत है, क्योंकि इस तरह के सिस्टम भारतीय साइबर स्पेस को मजबूत करते हैं। डा. रवि के गुप्ता अपने में संबोधन  में सी-डैक मोहाली को शानदार 30 वर्षों में डालने और समाज को तकनीकी रूप से सहायता करने के लिए बधाई दी। कार्यकारी निदेशक पीके खोसला ने कहा कि सी-डैक  बड़े पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन लाया है। डा. हेमंत दरबारी महानिदेशक सी-डैक के सहयोग से शोध के बारे में अपेक्षित प्रभाव के साथ क्रांतिकारी डिजिटल परिवर्तनकारी चरण, जिसके माध्यम से भारत प्रगति कर रहा है। सी-डैक मोहाली 1989 में स्थापित किया गया था और यह आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान में लगा हुआ है। इससे पहले स्टाफ के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया था। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।