अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म करे सरकार
नई दिल्ली -भारतीय भाषा सम्मेलन के अध्यक्ष डा. वेदप्रताप वैदिक ने मंगलवार को कहा कि भारतीय नागरिकों पर अंग्रेजी नहीं थोपी जानी चाहिए और संसद, उच्चतम न्यायालय, सरकारी कार्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों से अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त की जानी चाहिए। डा. वैदिक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह तमिलनाडु में हिंदी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य नहीं बनाने का समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार को अंग्रेजी की अनिवार्यता भी खत्म करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषा का अध्ययन अनिवार्य बनाने से छात्रों की मौलिकता खत्म होती है, जिसका प्रभाव पूरी व्यवस्था पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि वे अंग्रेजी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन अंग्रेजी की गुलामी के विरोधी हैं और छात्रों को स्वेच्छा से विदेशी भाषाएं सीखनी चाहिए न कि उन पर थोपी जानी चाहिए। डा. वैदिक ने कहा कि यदि देश में शासन, प्रशासन, संसद, अदालत, उच्च शिक्षा, व्यापार-रोजगार शिक्षण- प्रशिक्षण आदि से अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त हो जाए तो सारे नागरिक एक-दूसरे की भाषा अपने आप सीखेंगे।
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