अंतरिक्ष केंद्र बनाएगा भारत

By: Jun 14th, 2019 12:07 am

इसरो प्रमुख के सिवन ने किया ऐलान, अगले दस साल में पूरा हो जाएगा काम

नई दिल्ली – भारत ने दो-तीन साल में शुक्र पर मिशन भेजने और अगले एक दशक में अपना अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है, जिससे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में देश के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डा. के शिवन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम अपना खुद का अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। इस संबंध में आगे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह बहुत बड़ा अंतरिक्ष केंद्र नहीं होगा। यह 20 टन वजन का छोटा अंतरिक्ष केंद्र होगा। हमारा उद्देश्य वहां स्थायी रूप से वैज्ञानिकों को रखना नहीं है। हम प्रयोग को अंजाम देने के लिए अपना मॉड्यूल भेजेंगे। गगनयान मिशन के बाद हम सरकार को अपना प्रस्ताव भेजेंगे। उन्होंने बताया कि अगले एक दशक में भारत का अपना अंतरिक्ष केंद्र स्थापित हो सकता है। अंतरिक्ष केंद्र की लागत के बारे में पूछे जाने पर इसरो प्रमुख ने कहा कि अभी उसका आकलन नहीं किया गया है। अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अभी यह परिकल्पना बेहद शुरुआती दौर में है। दिसंबर 2020 में गगनयान मिशन के बाद इस पर फोकस किया जाएगा और इसलिए अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी देना संभव नहीं है। डा. शिवन ने बताया कि इसरो अगले दो-तीन साल में शुक्र पर भी एक मिशन भेजेगा। डा. शिवन ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का पहला उद्देश्य वंचितों तक सुविधाएं पहुंचाना और आधुनिक प्रौद्योगिकी को दूरस्थ इलाकों तक पहुंचाना है। इसका दूसरा उद्देश्य सौर मंडल के रहस्यों को उजागर करना है। इसमें गगनयान से काफी महत्त्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि अब इसरो पहले उद्देश्य से दूसरे उद्देश्य की ओर कदम बढ़ा रहा है। चंद्रयान, गगनयान, मंगलयान तथा अंतरिक्ष केंद्र इसी दूसरे उद्देश्य का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि सौर मिशन का प्रक्षेपण वर्ष 2020 की पहली छमाही में किया जाएगा। इसका उद्देश्य सूरज के ‘कोरोना’ में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन करना है। पृथ्वी के मौसम पर सबसे ज्यादा प्रभाव कोरोना में सतत होने वाले बदलावों का ही होता है। इसरो प्रमुख ने बताया कि भारत का सौर मिशन पृथ्वी और सूरज के बीच पहले लग्रांजियन बिंदु (एल1) तक जाएगा, जो 15 लाख किमी दूर  स्थित है। मिशन को वहां पहुंचने में करीब 109 दिन का समय लगेगा। लग्रांजियन बिंदु दो बड़े खगोलीय पिंडों के बीच वह बिंदु होता है, जहां कोई छोटी वस्तु लगातार उसी स्थिति में बनी रह सकती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App