अपनी धरोहर-अपनी पहचान में 20 साइट्स

केंद्र सरकार ने दी गोद लेने की मंजूरी, निजी निवेशकों के साथ अगले महीने मंथन

शिमला —हिमाचल में अब हेरिटेज टूरिज्म को विकसित करने के लिए जयराम सरकार ने नया कंसेप्ट तैयार कर दिया है। केंद्र सरकार की ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ योजना के तहत भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रदेश की 20 हेरिटेज साइट्स को गोद लेगा। ऐसे में इन साइट्स को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र से निवेशक हिमाचल आएंगे। प्रदेश के ऐसे मंदिर या किले, जो प्राचीन काल से विकास को तरस रहे हैं, उन्हें अब भाषा एवं संस्कृति विभाग गोद लेगा, जिनका विकास पर्यटन विभाग के तहत होना है।  केंद्र सरकार की योजना ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ के तहत हिमाचल की 20 धरोहरों को विकसित करने जा रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अगले महीने यानी जुलाई शिमला में देश के नामी निजी कंपनियों एवं निवेशकों के साथ मंथन करेगी।  जिसमें फिक्की, सीआईआई, ओबेरॉय होटल ग्रुप, रेडिसन होटल ग्रुप, अंबुजा, मिन्ची, एसजेवीएनएल के साथ-साथ उद्योग जगत में अब तक नाम कमा चुकी कंपनियों को सरकार ने निमंत्रण दिया है। प्राप्त जानकारी के अगले महीने होने वाली एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान पर्यटन और उद्योग विभाग के अफसर भी सुझाव देंगे। भाषा एवं संस्कृति विभाग जल्द ही कार्यशाला की तिथि तय करेगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश की इन 20 हेरिटेज साइट्स को विकसित करने के लिए यदि निजी निवेशक आगे आते हैं, तो उसके बाद राज्य सरकार को भी राजस्व भी आएगा। फाइनल एग्रीमेंट होने के बाद निजी कंपनी या निवेशक से वर्ष भी तय होंगे। यानी कितने साल के लिए हैरिटेज साइट्स को चला सकते हैं? बताया गया कि प्रस्ताव फाइनल होने के बाद प्रदेश सरकार टेंडर आमंत्रित करेगी। उससे पहले भाषा एवं संस्कृति विभाग निवेशकों को साइट विजिट पर ले जाएगा।

इनकी अपनी पहचान

चामुंडा देवी मंदिर कांगड़ा, मगरू महादेव मंदिर छतरी, पराशर मंदिर मंडी, राधा कृष्ण मंदिर डाडासिबा, जानकी नाथ मंदिर जयसिंहपुर, महादेव मंदिर चंबा, कमलाह किला धर्मपुर, गौंदला किला लाहुल-स्पीति, रॉक आर्ट लाहुल-सपीति, मृकुला देवी मंदिर लाहुल-स्पीति, फू गोंपा ताबो, परशुराम मंदिर निरमंड, चैनी कोठी मंदिर बंजार, मनू महाराज मंदिर कुल्लू, कंगयूर किला कानम किन्नौर, सापनी किला किन्नौर, कालका-शिमला रेलवे टै्रक, हरिपुर गांव हमीरपुर व रंजौर मैहल सिरमौर