अपने शिखर तक नड्डा

By: Jun 19th, 2019 12:05 am

राजनीतिक उदय में हिमाचल से पहले ऐसे नक्षत्र नहीं जुड़े, लिहाजा जगत प्रकाश नड्डा का भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने का एक नया संगीत है और यह प्रदेश में अवश्य ही अनुगूंज पैदा करेगा। पार्टी के प्रति निष्ठा और एक सोच जिसका नाम आज की भाजपा है, उसमें नड्डा का आरोहण काफी कुछ कहता है। खासतौर पर जब वह अमित शाह का सान्निध्य व उत्तराधिकार ग्रहण कर रहे हैं, तो सियासी भविष्य की ऊर्जा में उनका वजूद रेखांकित होता है। यह इसलिए भी क्योंकि भाजपा अब केवल एक राजनीतिक संघर्ष या विचारधारा नहीं, बल्कि देश की तस्वीर बदलने की अलग सियासत है। इस तरह से पार्टी और सत्ता के बीच उनकी धुरी का नया मूल्यांकन शुरू हुआ है, लिहाजा यह शिखर की हवाओं का स्पर्श है। नड्डा का राजनीतिक चक्र पार्टी की ऐसी कथा भी है, जहां आम के खास बनने की नई प्रथा सुसज्जित है। हिमाचल से उनका ताल्लुक छात्र राजनीति से युवा मोर्चा तक की विरासत को कई कडि़यों से जोड़ते हुए प्रादेशिक सत्ता की भूमिका तक ले गया, लेकिन उन्हें असली पहचान संगठनात्मक शक्ति के कारण हासिल हुई। जाहिर है सूक्ष्म दृष्टि से कुशल सिद्ध होने की यात्रा आज उन्हें पार्टी के मुखिया के रूप में देख रही है, तो इस सिंहासन के कई दरबार हैं। भाजपा जैसे राजनीतिक दल की अहमियत में कार्यकारी अध्यक्ष तक पहुंचना, वास्तव में उनकी राजनीति को पढ़ने जैसा है। खासतौर पर हिमाचल के युवा नेताओं के लिए चिराग की तरह नड्डा का कद सामने खड़ा है। यह हिमाचल में भारतीय विद्यार्थी परिषद के उफान का चित्रण भी है जो कि राष्ट्रीय स्तर पर अंगीकार हो रहा है। पिछली सरकार के दौरान ही नड्डा की राजनीतिक सूझबूझ के कई उदाहरण तथा उनकी भूमिका में प्रकट हुआ पार्टी का विश्वास, अब कमल के फूल का माली बना रहा है। हिमाचल के हिसाब से जगत प्रकाश नड्डा से अपेक्षाएं पहले से कहीं अधिक रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से अति नजदीकी के कारण, हिमाचली पक्ष की अहमियत बढ़ती है, तो पर्वतीय प्रदेश के अधिकार रेखांकित होंगे। केंद्र के साथ हिमाचल के रिश्ते हालांकि हमेशा ही सौहार्दपूर्ण रहे हैं, फिर भी कुछ पैमाने परेशान करते हैं। बतौर मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने चिकित्सा के क्षेत्र में जो घोषणाएं की हैं या जो सपने हिमाचल को दिखाए हैं, उनमें उनके कद का फायदा मिल सकता है। बिलासपुर में एम्स, ऊना में पीजीआई सेटेलाइट सेंटर तथा शिमला-धर्मशाला फोरलेन सड़क परियोजना पर उनकी तरफदारी का अक्स देखा जाएगा, लेकिन इससे भी बड़ा परिदृश्य पूरे प्रदेश की आर्थिक खुशहाली से पूरा होगा। केंद्रीय सत्ता में सांसद अनुराग ठाकुर का वित्त राज्य मंत्री का ओहदा तथा अब भाजपा की राष्ट्रीय कमान में जगत प्रकाश नड्डा का कमाल देखा जाएगा। हिमाचल की दृष्टि से यह केवल राजनीतिक उपलब्धि नहीं, बल्कि प्रादेशिक मूल्यों की सौगात है। जाहिर है अब हिमाचल को देखने का नजरिया बदलेगा और राष्ट्रीय सियासत में कद बढ़ेगा। हिमाचल से राष्ट्रीय राजनीति तक पहुंचे अन्य नेताओं ने भी प्रदेश की तरक्की में काफी योगदान किया है, लेकिन नड्डा को मिला अवसर उनके कैनवास को इन सभी से बड़ा करता है। इस तरह वह प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में अपनी भूमिका निभाते हुए, एक सेतु के रूप में केंद्र से हिमाचल को विशेष सहयोग दिलाने में मददगार सिद्ध होंगे। प्रदेश की अधोसंरचना और कनेक्टिविटी के हिसाब से सड़क, रेल व हवाई अड्डों के विस्तार में वह नए संपर्कों की ताकत का इजहार कर सकते हैं। मोदी-शाह के बाद धीरे से कोई व्यक्तित्व अगर अपना आकार ले रहा है, तो यह नड्डा की वर्तमान हस्ती का परिचायक ही है।


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