हिमाचल सरकार ने एयरवेज कंपनी से पांच साल के लिए लीज पर लिया 22 सीटर हेलिकॉप्टर
पवनहंस को सरकार देती थी 3.90 लाख
पवन हंस एयरवेज को हिमाचल सरकार प्रतिघंटा तीन लाख 30 हजार का भुगतान कर रही थी। इसके चलते 18 फीसदी टैक्स के साथ पवन हंस को सरकार प्रतिघंटा तीन लाख 90 हजार के करीब भुगतान कर रही थी। हालांकि पुराना चौपर होने के कारण पवन हंस की उड़ानें प्रभावित हो रही थी।
प्रतिमाह 40 घंटे का न्यूनतम भुगतान जरूरी
लीज पर लिए चौपर को प्रतिमाह 40 घंटे का न्यूनतम भुगतान करना होगा। इस कारण स्काई वन एयरवेज को साल के 480 घंटे का 28 करोड़ 80 लाख रुपए देना ही पड़ेगा। प्रतिमाह 40 से ज्यादा घंटे सेवा लेने पर कंपनी को छह लाख प्रति घंटा की दर से अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। अहम है कि कंपनी को ब्रांड न्यू चौपर देना होगा।
पवनहंस के गच्चा देने पर सरकार ने हायर किया है छह सीटर हेलिकाप्टर
पवन हंस के गच्चा देने के कारण जयराम सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए छह सीटर हेलिकॉप्टर हायर किया है। इसके लिए राज्य सरकार प्रतिघंटा दो लाख 10 हजार रुपए का भुगतान कर रही है। जीएसटी के साथ इस हवाई सेवा के लिए जयराम सरकार प्रतिघंटा अढ़ाई लाख रूपए खर्च कर रही है।
एक घंटे के देने होंगे छह लाख
स्काईवन एयरवेज कंपनी के लीज पर लिए ब्रांड न्यू हेलिकॉप्टर पर हिमाचल सरकार को 10 करोड़ से ज्यादा अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। इस एयरवेज कंपनी ने प्रतिघंटा 5 लाख 10 हजार रुपए की शर्त रखी है। इसके तहत 18 फीसदी जीएसटी के साथ कंपनी को एक घंटे का छह लाख रूपए देना पड़ेगा।
स्काईवन ज्यादा भरोसेमंद
सुरक्षा की दृष्टि से स्काई वन एयरवेज की सेवाएं अधिक भरोसेमंद रहेगी। इस एयरवेज का प्रयोग प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में हवाई उड़ानों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा स्काई वन एयरवेज का एमआई-17 हेलिकॉप्टर सीएम के सरकारी टूअर के लिए इस्तेमाल होगा। रशिया से आ रहे इस 22 सीटर हेलिकॉप्टर के जल्द पहुंचने की संभावना है।