अभी नहीं…. बरसात में ही हों छुट्टियां

By: Jun 25th, 2019 12:05 am

प्रदेश सरकार ने शिक्षक संगठनों, अभिभावकों व शिक्षाविदों की मांग को दरकिनार कर एक बार फिर से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छुट्टियों का पुराना शेड्यूल लागू कर दिया है। इसके अनुसार 26 जून से 31 जुलाई तक सरकारी स्कूलों में छुट्टियां रहंेगी। पिछले वर्ष भारी बरसात के चलते अगस्त व सितंबर माह में प्रदेश में भारी तबाही मची थी। प्रदेश में अधिकांश जिलों में भारी बरसात के दौरान स्कूलों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद से ही स्कूलों में छुट्टियों के शेड्यूल को बदलने की मांग उठी थी। लेकिन इस बार फिर से पुराने शेड्यूल को लागू कर दिया गया है। इस विषय पर ‘दिव्य हिमाचल’ ने प्रबुद्व वर्ग से राय जानी तो उन्होंने अपने विचार कुछ यूं रखे।                                          जितेंद्र कंवर—ऊना

बरसात के मौसम में हो छुट्टियां

ऊना से अभिभावक सुरजीत कुमार ने कहा कि स्कूलों में छुट्टियों का समय बरसात के मौसम में ही होना चाहिए। पहले प्रदेश में बरसात के मौसम में ही छुट्टियां होती थी,लेकिन पिछले कुछ सालों से इसमें बदलाव किया गया है। इसे पूर्व की भांति जुलाई व अगस्त माह के दौरान ही करना चाहिए।

छुट्टियों के शेड्यूल में किया जाए बदलाव

ऊना निवासी सूर्यकांत ने कहा कि बरसात के मौसम में प्रदेश भर में नदी-नाले उफान पर होते है, वहीं लैंड स्लाइड्स, पेड़ व ल्हासे गिरने से कई जगह पर मार्ग भी बाधित होते हैं। इस दौरान बच्चों को स्कूल भेजना जोखिमपूर्ण होता है। स्कूलों में छुट्टियों के शेडयूल को बरसात के मौसम को देखते हुए ही तय किया जाना चाहिए।

बरसात में बच्चों स्कूल भेजना जोखिमपूर्ण

मलाहत गांव के निवासी युवा अजय ठाकुर ने कहा कि बरसात के दौरान बच्चों को स्कूलों में भेजना जोखिमपूर्ण रहता है। पिछले साल भंयकर बरसात के चलते आधे से अधिक जिलों में स्कूल बंद रखने के आदेश संबधित जिलों के उपायुक्तों को करने पड़े थे। उस समय भी छुट्टियों के समय को गर्मियों के स्थान पर बरसात के मौसम में करने की चर्चा हुई थी।

गर्मियों की जगह बरसात में हों छुट्टियां

सेवानिवृत्त अध्यापक एमएम गर्ग ने कहा कि जुलाई व अगस्त माह मंे भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित होता है। इसके चलते कई स्कूल परिसरों में जल भराव तक हो जाता है। वहीं,भारी बारिश के कारण कई बार मार्ग तक बाधित हो जाते है। ऐसे में स्कूलों में बच्चों को भेजना जोखिमपूर्ण रहता है। बेहतर होगा यदि स्कूलों में छुट्टियों का शेड्यूल गर्मियों के स्थान पर बरसात के मौसम में हो।

भौगोलिक परिस्थितियों का रखा जाए ध्यान

शिक्षाविद राणा शमशेर सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों में छुट्टियों का शेड्यूल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक संगठनों व आम जनता से इस संबध में प्रदेश सरकार ने राय मांगी थी, जिसके अनुसार ही अंतिम निर्णय लिया जाना चाहिए।

बरसात में हों छुट्टियां

सेवानिवृत्त प्राध्यापक कर्ण पाल सिंह मनकोटिया ने कहा कि प्रदेश सरकार को सरकारी स्कूलों में छुट्टियों के शेडयूल को लागू करते समय शिक्षक संगठनों की राय को महत्त्व देना चाहिए। शिक्षक संगठनों ने प्रदेश की परिस्थितियों व बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बरसात के मौसम में छुट्टियां करने की राय दी थी।


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