अस्पतालों में कतारों में सिसकते रहे मरीज

शिमला —डॉक्टरांे की हड़ताल से फिर जिला शिमला मंे मरीज परेशान हुए । सबसे ज्यादा दिक्कत सुबह ओपीडी के समय आने वाले मरीज़ांे को हुई। दूर दराज़ से आने वाले मरीज़ांे को इलाज मंे देरी को लेकर झेलनी पड़ी। सुबह दो घंटे की पैन डाउन स्ट्राइक की गई। प्रदेश एमओ संघ के महासचिव डॉ पुष्पैंद्र का कहना है कि अब मेडिकल कॉलेज भी इस आंदेालन मंे साथ जुड़ गए है। लेकिन अभी सरकार ने भी बातचीत के लिए कहा है।  पैन डाउन स्ट्राइक से प्रदेश के जिला अस्पतालांे के साथ सीएचसी और पीएचसी मंे सुबह दो घंटे इलाज ठप्प रहा है। अस्पतालांे मंे जिससे टेस्ट व्श्वस्था भी ठप्प रही है। जिसमंे शिमला मंे भी मरीज़ांे को काफी दिक्कतंे झेलनी पड़ी है। हालांकि मेडिकल कॉलेजांे मंे डॉक्टरांे का काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। गौर हो कि मंडी के जनझेली में कार्यरत महिला चिकित्सक के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सकों ने मोर्चा खोल रखा है। प्रदेश भर के साथ शिमला में भी हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के आह्वान पर चिकित्सक पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए है। सुबह आठ बजे से चिकित्सकों के  इंतेज़ार  में मरीज़ व उनके तीमारदार परेशान दिखे हैं। मरीजों ने कहा कि वह बड़ी दूर से आये है तथा सुबह से चिकित्सकों के  इंतेज़ार  में बैठे हैं। अस्पताल में चिकित्सकों के न होने से मरीजों की लंबी कतारें लगी रही। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने साफ किया है कि मंडी के जनझेली में महिला चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार की घटना को लेकर चिकित्सक गुरूवार से दो घण्टे की पेन डाउन स्ट्राइक की है। एसोसिएशन ने मामले की निंदा करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम उठाए जिससे इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लग सके।

सरकार का कानून हवाहवाई

सरकार द्वारा कानून भी बनाया गया है बावजूद इसके चिकित्सकों के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। डा. राजेश राणा ने कहा कि उनकी यह स्ट्राइक तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार की ओर से उन्हें कोई आश्वासन नही मिल जाता।उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से उन्हें कोई वार्ता का न्योता नही आया है।