आईजीएमसी में टेस्ट करवाना बनी बड़ी आफत

शिमला —सुबह साढ़े सात बजे और टेस्ट काउंटर के बाहर मरीज लाइन मंे खड़े हो गए। कोई कतार मंे ही सो गए और कुछ नीचे ही बैठे गए। बस.. इस इंतजार मंंे कि समय पर टेस्ट हो जाएं तो डाक्टर से इलाज मंे उन्हंे जल्द ही राहत मिल पाए। काउंटर खुलने पर महज़ दस मिनट के भीतर ही टेस्ट काउंटर के बाहर लंबी कतारांे मंे लोग खड़े हो गए। भले ही सीनियर सिटीजन के लिए अगल से लाइनस लगी थी, लेकिन फिर भी मरीज़ांे की संख्या बहुत थी। उधर ओपीडी खुलने का समय भी हो गया। साढ़े आठ बजे मरीज़ ओपीडी के बाहर खड़े हो गए लेकिन सभी मरीजा़ंे के टेस्ट भी नहीं हो पाए। 11 बजे के बाद फिर से डॉक्टर ने पर्ची पर मरीजा़ंे को टेस्ट लिखें और ये मरीज़ भी दौड़ते हुए टेस्ट करवाने आ गए। टेस्ट काउंटर के बहुत ही रश हो गया। ऐसी ही स्थिति 12 बजे तक अस्पताल मंे देखने मंे आई। उसके बाद ओपीडी मंे जब मरीजा़ंे ने इलाज करवाया वह अगले दिन सुबह के समय काउंटर के बाहर फिर खड़े हो गए। अधिकतर वे मरीज़ सुबह के  समय काउंटर के बाहर खड़े हो गए, जो शिमला के दूरस्थ क्षेत्रांे से इलाज करवाने आते हैं। फिलहाल देखा जाए तो आईजीएमसी मंंंे समय पर टेस्ट करवाना मरीजा़ंे के लिए बड़ी आफत खड़ी कर रहा है। देखा गया है कि एसआरलैब मंे टेस्ट करवाने के लिए मरीज़ांे की लंबी लाइनस लगी रहती है। नतीजा ये हो रहा है कि मरीज़ांे को टेस्ट करवाने के लिए  घंटांे लाइन मंे ही खड़ा रहना पड़ रहा है। सुबह सात बजे से ही इतनी लंबी लाइनस लग जाती है कि टेस्ट करवाने पर नंंबर दोपहर 12 बजे के बाद आता है। इस बाबत मरीज़ांे ने भी आईजीएमसी प्रशासन से अब आग्रह किया है कि  एसआर लैब के बाहर काउंटर की संख्या को बढ़ाया जाए। उधर परेशानी यह है कि  अब डाक्टर भी तब तक मरीज़ांे का इलाज आगे नही बढ़ा सकते। जब तक मरीज़ क ी टेस्ट रिपोर्ट उसके टेबल पर न हो। लैब के बाहर कई बार मरीजा़ंेे की आपस मंे तू-तू मैं मैं भी हो गई है। बताया जा रहा है कि इस समस्या के बारे मंे कई बार प्रशासन को भी बताया गया है लेकिन मरीज़ांे क ो समय पर टेस्ट रिपोर्ट देने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए। मरीजा़ंे ने अस्पताल प्रशासन से आग्रह किया था कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल होने के नाते यहां पर मरीज़ांे का काफी ज्यादा रश रहता है जिसके कारण टेस्ट करवाने के लिए लंबी कतारंे लगी रहती है। बताया जा रहा है कि अब तो अस्पतालांे मंे लगभग 50 टेस्ट फ्री हो रहे हैं।  मरीज़ांे का अस्पताल प्रशासन से आग्रह है कि यदि ये भी समय पर नहीं हो इससे डॉक्टर मरीज़ का इलाज कैसे कर सकता है। मरीजा़ंे नेअस्पताल प्रशासन से से भी टेस्ट के केस व्यवस्था और रिपोर्ट के लिए एक अलग से काउंटर बनाया जाए।

सीनियर सिटीजन के लिए भी राहत नहीं

अस्प्पताल की हालत के बारे मंे राम शर्मा का कहना है कि एसआर लैब मंे अस्पताल मंे सबसे ज्यादा टेस्ट होते हैं लेकिन इसमंे टेस्ट ही नहीं बल्कि टेस्ट रिपोर्ट लेने के लिए भी काउंटर की संख्या बहुत कम है।

डाक्टर नहीं बढ़ाते इलाज आगे

नीरज का कहना है कि डाक्टर तभी अस्पताल मंे इलाज आगे बढ़ा सकते हंै जब उसे टेस्ट रिपोर्ट मिले आईजीएमसी मंे समय पर टेस्ट करवाने के लिए क ाफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं मरीज

बिमला का कहना है कि जब आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है तो यहां की टेस्ट व्यवस्था भी मज़बूत होनी चाहिए। नीरज कहते हैं कि एसआर लैब मंे काउंटर की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए।

कतार में बुजुर्गों को आफत

अस्पताल मंे इलाज करवाने आए ललित का कहना है कि बुजुगांे को टेस्ट कराने के लिए घंटांे कतारांे मंे खड़े रहना पड़ता है। इसके लिए आईजीएमसी प्रशासन को सोचना होगा।