आज से दो घंटे इलाज बंद

शिमला —खबरदार…आज से डाक्टर्ज सुबह दो घंटे आपको नहीं मिल पाएंगे। डाक्टर्स सुबह साढ़े नौ बजे से सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक ओपीडी मंे नहीं बैठेंगे। दो घंटे की पैन डाउन स्ट्राइक की जाएगी। मंडी मंे महिला डाक्टर पर हुए हमले पर आगामी कार्रवाई करते हुए मंगलवार सेे मंडी मंे दो घंटे सुबह पैन डाउन स्ट्राइक की गई, लेकिन अब आंदोलन का असर शिमला के अस्पतालांे मंे भी देखने को मिलेगा। ऐसा इसलिए है क्यांेकि शिमला के अस्पतालांे मंे प्रतिदिन पांच से आठ हजार लोग तीनांे अस्पतालांे मंे इलाज करवाने आते हैं, जिसमंे आईजीएमसी मंे ही प्रतिदिन तीन हजार मरीजों की ओपीडी रहती है। गौर हो कि मंडी मंे महिला डाक्टर पर हुए हमले के अलावा कोलकाता के एक अस्पताल मंे डाक्टर से मारपीट के विरोध मंे प्रदेश भर के चिकित्सकांे ने विरोध प्रदर्शन करके रोष व्यक्त किया है, जिससे प्रदेश के एमओ और आरडीए डाक्टर भड़क गए हैं। अंादोलन के तहत डाक्टरांंे ने मंगलवार को काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। आईजीएमसी आरडीए के महासचिव डा. भारतेंदु का कहना है कि अब आंदोलन को और कड़ा किया जाएगा। हालांकि मंगलवार को आरडीए, एमओ द्वारा काले बैचिस लगाकर ही विरोध जताया गया, लेकिन यदि दोषियांे के खिलाफ आगामी कार्रवाई नहीं की गई तो अस्पतालांे मंे पूरे दिन की हड़ताल भी की जा सकती है। हालांकि सोमवार को अवकाश होने के  कारण एमरजेंसी सेवाएं प्रदेश में सुचारू रूप से चली रही थीं, लेकिन संघ ने साफ किया है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और अस्पतालांे मंे अंादोलन और कड़ा किया जाएगा। उधर मेडिपर्सन एक्ट के संशोधन को लेकर भी डाक्टरांे द्वारा आवाज़ उठाई गई है।

एमओ ने उठाई है आवाज़

ऐसाोसिएशन के सलाहकार डा. संतलाल शर्मा, महासचिव डा. पुष्पंेद्र का कहना है कि ड्यूटी के दौरान डाक्टरों व स्टाफ को पूरी सुरक्षा मुहैया करवाना सरकार की जिम्मेदारी बनती है। एसोसिएशन के मुताबिक ड्यूटी के दौरान डाक्टरों ओर अन्य स्टाफ के साथ मरीजों के साथ आए उनके परिजन मार कुटाई व गाली गलौच पर उतर जाते हैं। इस दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर स्टाफ हेमशा ही डरा सहमा रहता है।