आर्थिक गतिविधियों में आएगी तेजी
नई दिल्ली – रिजर्व बैंक के नीतिगत दरों में एक चौथाई प्रतिशत की कटौती करने और तटस्थता वाले रुख के स्थान पर एकोमोडेटिव रूख अपनाने के फैसले का उद्योग जगत ने स्वागत करते हुए गुरुवार को कहा कि केन्द्रीय बैंक की इस पहल से अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती को थामने में मदद मिलेगी। उद्योग संगठन फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने लगातार तीन बार नीतिगत दरों में कटौती की है जो स्वागत योग्य कदम है और इससे बैंक रिटेल और कारपोरेट ऋण पर ब्याज दरों में कमी करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। पिछली दो बार में नीतिगत दरों में आधी फीसदी की कटौती के बावजूद बैंकों ने इसका पूरा लाभ अब तक खुदरा या कार्पोरेट ऋण लेने वालों को नहीं दिया है। तंत्र में तरलता की कमी की वजह से नीतिगत दरों में कटौती लगभग अप्रभावी रहा है। उन्होंने कहा कि कारोबारी धारणा में सुधार, उपभोक्ता विश्वास और अर्थव्यवस्था में तीव्र वृद्धि लाने की कोशिश करना समय की मांग है। अभी भी भारत में वास्तविक ब्याज दर दुनिया में सबसे अधिक है। इसके मद्देनजर आगे भी नीतिगत दरों में कटौती किये जाने की जरूरत है। रिजर्व बैंक को रिवर्स रेपो दर में भी और अधिक कटौती करने पर विचार करना चाहिए जिससे तंत्र में तरलता में सुधार हो।
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