इंजेक्शन से नशे का ग्राफ बढ़ा

By: Jun 16th, 2019 12:15 am

शिमला –प्रदेश में इंजेक्शन से नशा करने वालों का ग्राफ भी बढ़ने लगा है। इस बात की पुष्टि प्रदेश का ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन कर रहा है कि दवा दुकानों में इंजेक्शन के लिए सिरिंज की खपत में लगभग बीस से तीस गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ये खरीद युवाआें और किशोरों द्वारा ज्यादा की जा रही है। संघ के महासचिव डा. हेमंत कुमार का कहना है कि दवा दुकानों में युवाओं को खाली सिरिंज खरीदते देखा जा रहा है।

 एसोसिएशन ने साफ किया है कि दवा दुकानदारों ने ये रेजुलेशन भी पास किया है कि जब तक पर्ची नहीं होगी, तब तक सिरिंज तीमारदार को नहीं दी जाएगी। महासचिव का कहना है कि कई बार जब तीमारदार को सिरिंज के साथ दवा लेने के बारे में भी कहा जाता है, तो उसके लिए तीमारदार इनकार कर देता है, जिससे कई बार शक पैदा होता है। गौर करें तो इंजेक्शन से नशा इसलिए युवा अधिक करते हैं कि उनके खून में नशा तुरंत पहुंच जाता है, लेकिन युवाआें को इंजेक्शन के कारण एचआईवी भी हो रहा है।

बीते दो वर्षों में पांच प्रभावितों को इंजेक्शन से नशा करने पर एचआईवी हुआ है। सबसे ज्यादा ऐसे प्रभावित पर्यटन क्षेत्रों से

भी आ रहे हैं। हाईटेक शहरों की तर्ज पर प्रदेश में ये मामलें आना निस्देंह हैरान कर देने वाले हैं।

17 फीसदी व्यस्क तंबाकू की गिरफ्त में

प्रदेश में 17 फीसदी व्यस्क तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। शिमला में हाल ही में आयोजित कार्यशाला के दौरान यह खुलासा हुआ है। कोटपा अधिनियम 2003 पर चर्चा के दौरान सामने आया कि तंबाकू के प्रयोग व उसके आकर्षक विज्ञापनों से युवा पीढ़ी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए वे वे धुम्रपान की ओर आकर्षित होते हैं तथा फें फ ड़े के कैंसर से ग्रसित हो जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के तहत 17 प्रतिशत व्यस्क प्रदेश में तंबाकू का सेवन करते हैं।

चैक हो रहे बाजुआें के निशान

अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर गौर करें तो हर वर्ष सौ मरीज इंजेक्शन से नशा करने पर अस्पताल में भर्ती किए जाते हैं। यह आंकड़े जिला अस्पतालों के साथ प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में दर्ज किए गए हैं। अब अस्पतालों में जो नशेड़ी भर्ती किया जाता है, उसकी बाजू भी चैक की जा रही है कि कहीं इंजेक्शन का निशान तो नहीं है।

मध्यम वर्ग के युवाभी नशेड़ी

खास तौर पर रिपोर्ट यह भी बताती है कि प्रदेश के उच्च वर्ग में ही नहीं, बल्कि मध्यम वर्ग क ा तबक ा भी इंजेक्शन से नशा करने में पीछे नहीं है। मध्यम वर्ग के नशेडि़यों को कई संक्रमण होने का खतरा भी बना रहता है। बताया जा रहा है कि पर्यटक क्षेत्रों में कई जगह खाली सिरिंज पड़ी दिखी हैं।


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