इस साल वन विभाग रोपेगा 1.17 लाख पौधे

नालागढ़—नालागढ़ उपमंडल को प्रदूषण मुक्त रखने और वातावरण को शुद्ध बनाने के दृष्टिगत वन विभाग इस बार की होने वाली बरसात में 1.17 लाख विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपेगा। वन मंडल नालागढ़ के तहत जहां 167 हेक्टेयर भूमि पर 77 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपेगा, वहीं इस पौधारोपण अभियान में पुराने पौधरोपित क्षेत्र 507 हेक्टेयर भूमि पर 40 हजार पौधे रोपे जाएंगे। वन विभाग खैर, शीशम, कचनार, बेहड़ा, बांस, नीम, अर्जुन, आंवला, कीकर, जामुन सहित विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपकर क्षेत्र की हरियाली को सुचारू बनाएगा। वन विभाग का मानना है कि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के वातावरण को अधिकाधिक हरियाली दायक बनाया जाए। जानकारी के अनुसार वन विभाग नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन को हराभरा करने और पर्यावरण संरक्षण करने हेतु इस वर्ष अपने चार वन परिक्षेत्रों नालागढ़, रामशहर, कोहू, बद्दी के तहत करीब 1.17 लाख पौधे रोपेगा और पौधारोपण से नालागढ़ वन मंडल का वनीकरण बढ़ेगा, जो औद्योगिक क्षेत्र के पर्यावरण संतुलन व संरक्षण में सहायक होगा और क्षेत्र भी हरा भरा रहेगा। नालागढ़ वन मंडल पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में बड़े पेड़ों को अधिक लगाने के लिए प्रयासरत रहेगा। वन विभाग स्वयंसेवी संगठनों और स्कूली विद्यार्थियों, किसानों, उद्योगपतियों को भी इस अभियान में अपने साथ जोड़ेगा। बता दें कि वन विभाग प्रतिवर्ष बरसात के मौसम में अपने लक्ष्य के मुताबिक पौधारोपण अभियान छेड़ता है, जिससे क्षेत्र हरा भरा रहे और अधिक से अधिक वन क्षेत्र बढ़ सके। औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते बीबीएन में पर्यावरण संतुलन बनाने के दृष्टिगत हर वर्ष पौधारोपण किया जाता है, ताकि औद्योगिक क्षेत्र का पर्यावरण संतुलित बना रहे। वन विभाग इस अभियान को बरसात के दौरान शुरू करता है और जहां नए पौधों को रोपता है, वहीं पुराने पौधों को संरक्षित करता है, ताकि क्षेत्र का पर्यावरण संरक्षण बना रहे। बता दें कि प्रदेश सरकार ने भी हिमाचल को हरा भरा रखने की मुहिम चलाई है और पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार ने कई योजनाएं बनाई है, जिसमें पौधारोपण भी शामिल है, ताकि पर्यावरण सतुंलित रह सके। डीएफओ नालागढ़ जवाहर स्वरूप शर्मा ने कहा कि वनमंडल नालागढ़ के तहत 674 हेक्टेयर भूमि पर 1 लाख 17 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित होंगे, जिसमें स्वयंसेवी संगठनों और विद्यार्थियों, किसानों, उद्योगपतियों के माध्यम से भी पौधे रोपे जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुराने पौधरोपित क्षेत्रो में भी पौधे रोपे जाएंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि सभी पौधारोपण के लिए आगे आएं, ताकि क्षेत्र हरा भरा और प्रदूषण मुक्त बन सके।