‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर बनेगी कमेटी

By: Jun 20th, 2019 12:05 am

सर्वदलीय बैठक में लिया फैसला; रक्षामंत्री राजनाथ बोले, लगभग सभी दलों का मिला साथ

नई दिल्ली – ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के मुद्दे को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी, जो इसके सभी पक्षों पर विचार करके अपनी रिपोर्ट देगी। यह फैसला पीएम अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में हुआ। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि बैठक में 24 पार्टियों का प्रतिनिधित्व रहा। उन्होंने कहा कि लगभग सभी पार्टियों ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के मुद्दे को लेकर अपना समर्थन दिया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि बैठक में सिर्फ सीपीआई-सीपीएम की तरफ से थोड़ा-बहुत विचारों में मतभेद रहा है। उनकी चिंता इस बात पर थी कि यह कैसे संभव होगा, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे का विरोध नहीं किया। उन्होंने सिर्फ इसके क्रियान्वयन को लेकर आशंका जाहिर की। बता दें कि सरकार की तरफ से 40 पार्टियों को बैठक में बुलाया गया था। कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी, टीएमसी जैसी कई पार्टियों ने इस बैठक में शिरकत नहीं की। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।  राजनाथ सिंह ने कहा कि इस बैठक के दौरान पीएम ने अपने उद्बोधन में कहा कि बैठक में पेश किए गए मुद्दे सरकार का एजेंडा नहीं है, बल्कि देश का एजेंडा है। बैठक में 21 पार्टियों के अध्यक्ष मौजूद थे, साथ ही 3 पार्टियों के अध्यक्षों ने व्यस्तता के कारण बैठक में आने में असर्थता जाहिर की, लेकिन उन्होंने पत्र के माध्यम से इन मुद्दों पर अपने विचार रखे। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने आए सभी सुझावों की सराहना की। बैठक में एक देश-एक चुनाव के साथ कई और मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल बैठक से रहे दूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के मुद्दे पर आयोजित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा बहुजन समाज पार्टी ने भाग नहीं लिया। इसके अलावा तेलंगाना राष्ट्र समिति, तेलुगू देशम पार्टी तथा द्रमुक ने भी बैठक में भाग नहीं लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी समय से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर जोर देते रहे हैं। उनका  कहना है कि इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में भारी कमी आएगी तथा चुनावों  के कारण समय-समय पर लागू की जाने वाली आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में बाधा नहीं आएगी।

संसद में चर्चा कराए सरकार

कांग्रेस ने कहा कि अगर सरकार चुनाव सुधारों को लेकर कोई कदम उठानी चाहती है तो वह संसद में इस विषय पर चर्चा कराए। पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभा के एकसाथ चुनाव कराने को लेकर भाजपा पर दोहारा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम भी चाहते हैं कि चुनाव प्रक्रिया में सुधार हो। हमने गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों पर एकसाथ उपचुनाव कराने की मांग की है। हमने कहा है कि मत पत्र से चुनाव कराए जाएं। दिक्कत है कि प्रधानमंत्री विपक्ष की बातों को नजरअंदाज करते हैं। गोगोई ने भाजपा पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वही सरकार है जो गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव का एक साथ नहीं करा पाई।


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