एक शिक्षक चला रहा सारा स्कूल

रामपुर बुशहर—सराहन खंड के 18 स्कूल एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे हंै, जिससे इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी के प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा की पोल खोल रही है। एक-एक शिक्षक पूरे स्कूल को संभाल रहा है। ऐसे में गुणवत्ता वाली शिक्षा आखिर कैसे इन दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचेगी यह एक बड़ा सवाल है,  जो अभिभावक अपने बच्चों को शहर में पढ़ाने में सक्षम हंै वे तो अपने-अपने बच्चों को बाहर ले जा रहे हंै लेकिन वे अभिभावक जो गरीब हैं उन्हें मजबूरन इन्हीं स्कूलों में बच्चों को भेजना पड़ रहा है। एक ही शिक्षक कौन-कौन सी क्लास लेे, यह तय करना शिक्षक के लिए आसान नहीं है। लेकिन यह प्रक्रिया पिछले कई माह से चल रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सराहन खंड में राजकीय प्राथमिक पाठशाला कस्तेन, बसाहरा, कुन्नी, कांधार, भगावट, खुदना, मलोवा, शीलाबाई, सुरू, दुगिरी, बड़बोन, मोगली, कावबिल, जूलीकोट, धारला, नंती, फांचा और जघोरी स्कूल एक-एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं। शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को खोलने का मकसद गरीब व असहाय परिवार के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाना था, लेकिन वर्तमान सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिसके कारण अभिभावकांे में भी सरकार के प्रति खासा रोष है। हैरान करने वाली बात यह है कि अगर किसी दिन शिक्षक ने छुट्टी पर जाना हो या फिर वह बीमार हो जाए, तो स्कूल में उस दिन कौन कक्षाएं लेगा यह बड़ा प्रश्न है। ऐसे ही हाल रामपुर के अन्य खंड में है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की शुरुआती पढ़ाई बेहतर होनी चाहिए, अगर बच्चे का बेस अच्छा होगा तो भविष्य में वह पढ़ाई में अच्छे अंक हासिल कर सकता है और अपना भविष्य संवार सकता है, लेकिन सराहन खंड के कई स्कूलों में गुणवत्ता वाली शिक्षा गायब है, जिससे अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।