एक साल के भीतर नई ई-कॉमर्स नीति

नई दिल्ली -सरकार अगले 12 महीने के दौरान राष्ट्रीय ई-वाणिज्य नीति जारी कर देगी। इस नीति से इंटरनेट से ऑनलाइन मंच के जरिए होने वाले कारोबार का समग्र विकास करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ई-वाणिज्य कंपनियों सहित विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ लगातार दूसरे दिन चली बैठक के दौरान यह बात कही। अधिकारी ने कहा, ‘हम अगले 12 माह के दौरान एक राष्ट्रीय ई-वाणिज्य नीति लाने के लिए संस्थागत रूपरेखा बनाएंगे। सरकार ने इससे पहले फरवरी में राष्ट्रीय ई- कॉमर्स नीति का मसौदा जारी किया था। इसमें सीमा पार आंकड़ों और जानकारी के प्रवाह को प्रतिबंधित करने के लिए वैधानिक और प्रौद्योगिकीय ढांचा स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया था। इसके साथ ही इसमें कारोबारियों के लिए संवेदनशील आंकड़ों और जानकारियों को स्थानीय स्तर पर जुटाने और उसका प्रसंस्करण करने तथा विदेशों में उसे रखने को लेकर नियम और शर्तें भी रखी गई थी।  इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन कारोबार करने वाली कई विदेशी ई-वाणिज्य कंपनियों ने नीति के मसौदे में दिए गए कुछ बिंदुओं को लेकर चिंता जताई थी। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग  के तहत एक अंतर-मंत्रीस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और ई-वाणिज्य नीति के मसौदे को लेकर संबद्ध पक्षों की शिकायतों का समाधान करेगी। गोयल ने बैठक में यह भी कहा कि ई-वाणिज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में जिक्र करने वाले प्रेस नोट-2 अपने आप में चीजों को पूरी तरह स्पष्ट करता है और इस मामले में सरकार ने मौजूदा कानून में कोई बदलाव नहीं किया है। बैठक में भाग लेने वाली कंपनियां भी इससे सहमत हैं। मंत्री ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि आंकड़ों और ई- वाणिज्य के मुद्दे पर भारत पूरी दुनिया के साथ जुड़ाव रखना चाहता है।