एचपीयू में नहीं लगी बायोमीट्रिक मशीन

शिमला -हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को ऑनलाइन करने का दावा एक बार फिर धरातल पर सही साबित नहीं हो पाया है। हैरानी की बात है कि प्रदेश के इतने बड़े संस्थान में आज तक शिक्षकों की हाजिरी को एचपीयू अभी तक बायोमीट्रिक मशीन नहीं लगा पाया है। हालांकि पूर्व कुलपति प्रोफेसर एडीएन बाजपेयी के कार्यकाल में एचपीयू के शिक्षक व गैर शिक्षकों के आने-जाने पर नजर रखने के लिए बायोमीट्रिक मशीन लगाने का प्रोपोजल बनाया गया था। इस दौरान शिक्षक व गैर शिक्षकों ने बायोमीट्रिक मशीन लगाने का इतना विरोध किया कि पूर्व कुलपति के कार्यकाल में ऑनलाइन हाजिरी लगाने का प्रोपोजल ठंडे बस्ते में चला गया। अब दूसरी बार एक बार फिर एचपीयू में बायोमीट्रिक मशीन लगाने को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालय के कुलपति ने संबंधित अधिकारियों से इस बारे में जल्द रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सभी शिक्षण संस्थान में नजर रखने के लिए बायोमीट्रिक मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। अहम बात यह है कि प्रदेश के अधिकतर सरकारी स्कूल और कालेजों में तो ये मशीनें लगा भी दी गई हैं। ऐसे में मात्र प्रदेश विश्वविद्यालय ऐसा है, जहां पर बायोमीट्रिक मशीन लगाने का प्रोपोजल ठंडे बस्ते में चला गया है। हैरत होती है कि एक तरफ तो शिक्षण संस्थानों के सारे कामगाज ऑनलाइन करने का दावा किया जा रहा है। उधर, दूसरी ओर एचपीयू में अभी तक शिक्षकों से लेकर सभी अधिकारी रजिस्टर पर अपने आने जाने का समय भर रहे हैं। इतने बड़े शिक्षण संस्थान में इस तरह की कार्यप्रणाली से कई सवाल भी उठते हैं। एक सवाल यह भी है कि एचपीयू प्रशासन कैसे इतने बड़े विश्वविद्यालय के स्टाफ पर नजर रख पा रहा होगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार एचपीयू के कई विभागों में हालत ऐसी है कि शिक्षक हो चाहे गैर शिक्षक कभी भी विभाग से बंक मार देते हैं। यही वजह है कि विभाग में कई बार अहम प्रोजेक्ट लटक जाते हैं। आरोप तो यह भी है कि शिक्षक भी हर कभी छात्रों की कक्षाओं से बंक मार देते हैं। बताया जा रहा है कि एचपीयू अब बायोमीट्रिक मशीन लगाने से पहले विश्वविद्यालय के पूरे स्टाफ को विश्वास में लेगा। सूत्रों की मानें तो शिक्षक और गैर शिक्षकों के लिए हर विभाग में बायोमीट्रिक लगाई जाएंगी। इसके साथ ही जो बायोमीट्रिक में हाजिरी नहीं लगाएगा, उससे जवाबदेही भी ली जाएगी।