एचपीयू में स्मार्ट कार्ड से एंट्री

By: Jun 20th, 2019 12:02 am

छह माह के अंदर छात्रों के बनाए जाएंगे आधारयुक्त स्मार्ट कार्ड, कुलपति ने दिए निर्देश

शिमला -हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अब परिसर में छात्रों की एंट्री भी ऑनलाइन करने की तैयारी में है। एचपीयू में आउटसाइडर छात्रों के परिसर में आने की वजह से होने वाली हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए अब सभी छात्रों के ऑनलाइन स्मार्ट कार्ड बनाए जाएंगे। हर विभाग से छात्रों का ब्यौरा लेकर आईटी विभाग यह कार्य करेगा। अहम यह है कि छात्रों के स्मार्ट कार्ड  आधारयुक्त होंगे। वहीं, इसमें छात्रों का अकाउंट नंबर भी होगा। एचपीयू का प्लान है कि कोई भी छात्र गैर तरीके से अपना स्वाइप कार्ड न बना दें, इस वजह से प्रशासन छात्रों का रिकॉर्ड अपने पास रखेगा। इस रिकॉर्ड में छात्रों का आधार नंबर से लेकर उनका अकाउंट नंबर भी एचपीयू के पास होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि गेट के पास जब छात्रों को एंट्री से पहले उनके कार्ड को स्वाइप किया जाएगा, तो उनका बायोडाटा उस ऑनलाइन मशीन में आ जाएगा। वहीं जो फर्जी रूप से बनाए गए कार्ड होंगे, उसे एचपीयू की स्वाइप मशीन मान्य ही नहीं करेगी। विश्वविद्यालय ने इस तरह से आउटसाइडर छात्रों को परिसर में रोकने के लिए मास्टर प्लान बनाया है। हालांकि इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए एचपीयू को छह माह का समय चाहिए। छह माह के अंदर छात्रों के सभी रिकॉर्ड को जमा करवा दिया जाएगा। बता दें कि सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को छात्रों से जुड़ी जानकारी आईटी विभाग में देनी होगी। अहम यह है कि छात्रों के साथ कुछ समय बाद विश्वविद्यालय परिसर में स्टाफ के भी स्वाइप स्मार्ट कार्ड बनाए जाएंगे। यानी कि स्मार्ट कार्ड के जरिए कर्मचारियों की भी एंट्री परिसर के अंदर होगी। पहली बार प्रदेश विश्वविद्यालय में ऑनलाइन एंट्री सिस्टम शुरू किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि यह योजना एचपीयू में हो रही हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए शुरू की गई है। वहीं नैक व नेशनल रैंकिंग में भी सुधार करने को लेकर भी ऑनलाइन हर सिस्टम को शुरू करने का प्लान बनाया गया है। दरअसल एचपीयू की अगले साल रैंकिंग होनी है। एचपीयू को बेहतर रैंकिग मिले, इसके लिए एचपीयू ने अपनी तरफ से कवायद शुरू कर दी गई है। पोस्टें भरने से लेकर पेपरलैस करने तक की शुरूआत कर दी है। बता दें कि पहली जुलाई से एचपीयू के सारे काम ऑनलाइन हो जाएंगे। इसी के तहत ऑनलाइन एंट्री भी इसी का एक हिस्सा है। हालांकि प्रदेश विश्वविद्यालय को शुरूआत के दौर में आधार युक्त स्मार्ड कार्ड बनाने में कई दिक्कतें आईं, लेकिन एचपीयू का दावा है कि इसे छह माह के  अंदर सफलतापूर्वक पूरा कर दिया जाएगा। पहली बार प्रदेश विश्वविद्यालय में एंट्री का यह ऑनलाइन सिस्टम कई छात्र छात्रों के लिए परेशानी भी खड़ी कर सकता है। विश्वविद्यालय में अपने अन्य कार्यों को लेकर आने वाले छात्रों को माथापच्ची करनी पड़ सकती है। परिसर के अंदर आने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन की परमिशन उन्हें लेनी होगी। हालांकि एचपीयू का दावा है कि इसके लिए भी उन्होंने रास्ता तैयार कर दिया है। एचपीयू का कहना है कि अपने छोटे-छोटे कार्य करवाने आने वाले छात्रों को एक दिन पहले परमिशन लेने के लिए ऑनलाइन सुविधा दी जाएगी। बता दें कि एचपीयू ने इस ऑनलाइन सिस्टम को सफल बनाने के लिए तीन तरह की कमेटियों का गठन किया है। ये कमेटियां रोज कुलपति को अपने प्लान के बारे में अपडेट दे रही हैं।

होस्टल में पहले से ही हो रही कार्ड से एंट्री

बता दें कि प्रदेश विश्वविद्यालय में पहले से ही होस्टलों में छात्रों की एंट्री कार्ड के माध्यम से हो रही है। बिना कार्ड चैक किए छात्रों को होस्टलों में एंट्री नहीं मिल रही है। एचपीयू प्रशासन ने यह फैसला प्रदेश विश्वविद्यालय में शांति बनाए रखने के लिए लिया है।


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