एडवांस स्ट्डीज़ में ‘बेस्ट माइंड ऑफ इंडिया’
आईसीसीआर के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद सहस्रबुद्धे ने दिया व्याख्यान
शिमला —भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में सोमवार को बेस्ट माइंड्स ऑफ इंडिया व्याख्यान शृंखला के अंतर्गत व्याख्यान आयोजित किया गया। इसमें आईसीसीआर के अध्यक्ष तथा राज्यसभा सांसद डा. विनय सहस्रबुद्धे ने बियोंड पोपुलिज्म डिसाइफरिंग दि 2019 इलेक्टोरल वर्डिक्ट विषय पर व्याख्यान दिया। इस दौरान संस्थान के सम्मेलन कक्ष में रामकृष्ण मिशन शिमला के स्वामी रामरूपानंद की उपस्थिति में स्वामी विवेकानंद के चित्र का अनावरण कर माल्यार्पण किया गया। संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर कपिल कपूर ने सत्र की अध्यक्षता की तथा वक्ता डा. विनय सहस्रबुद्धे का परिचय करवाया। निदेशक प्रो. मकरंद आर परांजपे ने प्रारंभ में सभी का स्वागत किया। व्याख्यान के दौरान डा. विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि 2019 के चुनावों ने सभी मौजूदा प्रचलनों को तोड़ दिया और वे निश्चित रूप भारतीय संघ के विभिन्न राज्यों में जारी राजनीतिक समीकरणों का प्रतिबिंब नहीं थे। इस बार चुनावों में महंगाई भाई-भतीजावाद या भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव भारतीय लोकतंत्र में प्रस्थापित मानदंडों को भंग कर राजनीतिक विज्ञान के छात्रों के समक्ष अध्ययन की चुनौती प्रस्तुत करता है। जनप्रियता को सुशासन को बरकरार रखना और भी चुनौतिपूर्ण होता है, क्योंकि यदि जनमानस को धरातल पर सुशासन नहीं देखता है तो वह और भी अधिक निराश होता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोगों के भीतर एक स्वामित्व और उत्तरदायित्व का भाव भर देते हैं। वह प्रश्न पूछने से हिचकते नहीं हैं, क्योंकि उनके पास उन प्रश्नों के उत्तर भी होते हैं। एक बार छत्रपति शिवाजी महाराज ने शासक अथवा राजा की व्याख्या करते हुए कहा था कि राजा विश्व का उपभोग शून्य स्वामी होता है। संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. चमन लाल गुप्ता ने अंत में धन्यवाद प्रस्ताव रखा और सम्माननीय वक्ता व गणमान्य श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्थान के सचिव कर्नल डॉ. विजय तिवारी, संस्थान के अध्येता, सह-अध्येता, कर्मचारीगण एवं शिमला शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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