एसआईटी ने अरेस्ट किए आढ़ती

By: Jun 6th, 2019 12:02 am

डीएसपी ठियोग का खुलासा, आढ़तियों पर एक करोड़ 20 लाख की ठगी का है आरोप

ठियोग -बागबानों की मेहनत की कमाई को चूना लगाने वाले दो आढ़तियों पर एसआईटी ने कार्रवाई करते हुए इन्हें गिरफ्तार कर लिया है। एसआईटी के इंचार्ज डीएसपी ठियोग कुलविंदर सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया है कि इन पर एक करोड़ 20 लाख की ठगी का आरोप है। उन्होंने बताया कि इन व्यापारियों ने सेब बागबान से सेब खरीदकर उन्हें वापस पेमेंट नहीं की, जिसके बाद ये यहां से फरार हो गए थे। डीएसपी ठियोग कुलविंद्र सिंह ने बताया कि एक व्यापारी को शिमला से जबकि दूसरे को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है। बागबानों के साथ की जा रही ठगी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी को यह बड़ी कामयाबी मिली है। इन दोनों व्यापारियों को हालांकि इसमें एक व्यक्ति व्यापारी का मुंशी बताया जा रहा है, दोनों से पूछताछ की जा रही है। जो सेब बागबानों से खरीदा गया था, उसकी पेमेंट अभी तक क्यों नहीं की गई, यह सारा रिकॉर्ड पुलिस अपने कब्जे में ले रही है। कोटखाई थाने में हुई शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सफलता हासिल की है। पुलिस ने धारा-420 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस को मिली सफलता के बाद बागबानों को आढ़तियों से अपनी मेहनत की कमाई मिलने की उम्मीद जगी है। पकड़े गए दो आरोपियों में से दीपक जयसवाल मुंबई का रहने वाला है और दूसरा राजेश पांडे वाराणसी का निवासी है। दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है और जांच की जा रही है कि बागबानों के कितने पैसे उन्हें लौटाने हैं। इसके साथ ही बागबानों को चूना लगाने वाले अन्य आढ़तियों की भी पुलिस ने तलाश तेज कर दी है। डीएसपी ठियोग कुलविंदर सिंह ने कहा कि दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और बागबानों को चूना लगाने वाले अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है। बता दें कि लंबे समय से बागबान शिकायत कर रहे थे कि फलों को खरीदकर उनके पैसे नहीं देते हैं। इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी में एएसपी, एसपी और आईजी को सदस्य बनाया गया है। बागबानों से लूट के पिछले छह सालों में एपीएमसी के पास 208 मामले दर्ज किए गए। इसमें 22 शिकायत का निपटारा कर 90 लाख की राशि बागबानों को प्रदान की गई, लेकिन बाकी बचे 186 मामलों में से 170 अभी पुलिस में दर्ज करा दिए गए हैं।


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