ओपीडी के बाहर मरीज करते रहे इंतजार

नालागढ़—नालागढ़ उपमंडल के दूरदराज क्षेत्र से मरीज उपचार करवाने के लिए नालागढ़ अस्पताल तो आए, लेकिन चिकित्सकों के ओपीडी कक्षों में न होने के कारण उन्हें दो घंटों का लंबा इंतजार करना पड़ा। इस दौरान मरीज ओपीडी कक्षों के बाहर जमीन व बैंचों पर बैठकर चिकित्सकों की बाट देखते-निहारते रहे। जब चिकित्सक ओपीडी में बैठे तो मरीजों का अच्छी खासी भीड़ उमड़ पड़ी। नालागढ़ अस्पताल में प्रतिदिन 800 से 900 ओपीडी होती है और यहां उपचार करवाने के लिए पड़ोसी जिला बिलासपुर व सोलन सहित हरियाणा पंजाब की सीमाओं से सटे हुए लोग अपना उपचार करवाने आते है, लेकिन चिकित्सकों द्वारा दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक मरीजों व तीमारदारों पर भारी पड़ रही है। दूसरे दिन भी नालागढ़ अस्पताल के चिकित्सकों की पेन डाउन स्ट्राइक जारी रही और चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया, वहीं पेन डाऊन स्ट्राइक भी की। स्पेशल बीएमओ डा.अजय पाठक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ 17 जून से काले बिल्ले लगाकर केंद्रीय राष्ट्रीय संघ के साथ मिलकर प्रदर्शन कर रहा है और बुधवार से दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक आरंभ हो गई और यह तब तक जारी रहेगी, जब तक मांगें पूर्ण नहीं होती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हिमाचल में हुई अप्रिय घटनाओं के कारण चिकित्सकों में भारी रोष व्यापत है। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के अलावा सीएचसी घुमारवीं के बीएमओ का किसी अधीनस्थ कर्मचारी के द्वारा प्रतिशोधात्मक शिकायत करने पर बिना सुनवाई के उनको निलंबित करना आग में घी का काम कर रहा है, वहीं पीएचसी खैरा के आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो कि रात के 12ः30 बजे डाक्टर के आवास में घुसकर जबरदस्ती वीडियो बनाने की कोशिश कर रहा था। इसी तरह सिविल अस्पताल बैजनाथ के चिकित्सक पर किसी अधीनस्थ कर्मचारी द्वारा उसे धक्के देकर कमरे से निकालने की झूठी शिकायत करना, जबकि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इन्हीं सभी घटनाओं की वजह से पूरे हिमाचल के चिकित्सकों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि किसी भी हिंसा के मामले को मेडिपेरसों एक्ट के तहत दर्ज नहीं किया जा रहा है, वहीं पीजी पालिसी के लिए हुए समझौते को लागू न करना, चुपके से डीएम/एमसीएच करने के लिए सर्विस का दो से चार साल कर देना डाक्टरों के हितों पर कुठाराघात है। उन्होंने सरकार व स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि इसीलिए जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने  के आदेश जारी करें और बीएमओ घुमारवीं के निलंबन को रोक कर निष्पक्ष जांच करवाई जाए और 24 घंटे वाले चिकित्सा संस्थानो में सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए तथा पीजी और डीएम/एमसीएच की पॉलिसी को संघ से वार्तालाप करके दुरुस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि एचएमओए के आगामी निर्देशों तक दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक का क्रम जारी रहेगा।