कंदरौर आंदोलन से पहचान में आए थे नड्डा

बिलासपुर —कुशल रणनीतिकार माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा अब अमित शाह के मार्गदर्शन में देश में पार्टी संगठन की बागडोर संभालेंगे। नड्डा को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। हिमाचल से किसी पार्टी में शीर्ष पद पर पहुंचने वाले नड्डा ऐसे पहले नेता बन गए हैं। इससे देश भर में न केवल बिलासपुर जिला बल्कि पूरे हिमाचल का मान बढ़ा है।  नडडा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की सूचना पाकर बिलासपुर में जश्न का माहौल बन गया और समर्थकों द्वारा रात को ही पटाखे व आतिशबाजी  की।  मंगलवार को शहर के चंपा पार्क में जिलाध्यक्ष राकेश गौतम और सदर विधायक सुभाष ठाकुर की अगवाई में एकत्रित हुए कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया । इस अवसर पर पटाखे और आतिशबाजी चलाई गई, जिससे पूरा शहर गूंजायमान हो उठा। उल्लेखनीय है कि जनवरी 1986 में कंदरौर में हुए छात्र आंदोलन से भी जगत प्रकाश नड्डा पहचान में आए। उस समय सरकार ने एक निर्णय लिया कि हायर सेकेंडरी स्कूलों को या तो मैट्रिक या प्लस टू कर दिया जाएगा। उस निर्णय में तय हुआ कि हायर सेकेंडरी शिक्षा प्रणाली को बदला जाए। उस समय गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल कंदरौर को प्लस टू करने का निर्णय हुआ, लेकिन तत्कालीन विधायक ने यह तय किया कि कंदरौर  के बजाय पंजगाईं स्कूल को प्लस टू किया जाए। इस बात को लेकर एक बड़ा आंदोलन हुआ था, जिसकी अगवाई जगत प्रकाश नड्डा ने की थी।  यह हिमाचल की सियासत में पहला बड़ा कदम था कि जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में लोगों ने एनएच शिमला धर्मशाला कंदरौर के पास बंद कर दिया।  पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच में काफी संघर्ष भी हुआ था और बहुत से पुलिसकर्मी इसमें जख्मी भी हुए थे। प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष व विपक्ष के नेता रहे नड्डा भाजपा सरकार में स्वास्थ्य व वन मंत्री रहे और राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद केंद्रीय राजनीति में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री और अमित शाह के विश्वासपात्र नड्डा को इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा गया था। उनके नेतृत्व में भाजपा ने यूपी में बेहतरीन सफलता हासिल की। परिणामस्वरूप नड्डा को उनकी मेहनत का परिणाम मिला है।्र वहीं विधायक सहित नड्डा के समर्थक बधाई देने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं। वह वहां जाकर व्यक्तिगत रूप से मुबारकबाद देना चाहते हैं।