कठुआ रेप-मर्डर केस में तीन दोषियों को उम्रकैद

By: Jun 11th, 2019 12:03 am

पठानकोट -देश को झकझोर कर रख देने वाले कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस में पठानकोट सेशन कोर्ट ने तीन दोषियों दीपक खजुरिया, सांजी राम और परवेश कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन पर कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, सबूतों से छेड़छाड़ करने वाले तीन अन्य दोषी पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने पांच-पांच साल की सजा दी है। इन तीनों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले सोमवार सुबह सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सात में से छह आरोपियों को दोषी करार दिया था। स्पेशल कोर्ट ने छह दोषियों में से तीन को रेप और मर्डर का दोषी पाया। बाकी तीन को सबूत मिटाने का दोषी माना गया। सांजी राम, परवेश कुमार, दीपक खजुरिया को 302 (मर्डर), 376 (रेप), 120 बी (साजिश), 363 (किडनैपिंग) के तहत दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने पुलिसकर्मी आनंद दत्ता, सुरेंद्र कुमार, तिलक राज को 201 (सबूतों को मिटाना) के तहत दोषी माना। जिला और सत्र न्यायाधीश ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय किए थे। किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा।इस घटना का मास्टर माइंड सांजी राम राजस्व विभाग का सेवानिवृत्त अधिकारी है और उसी ने इस झकझोर देने वाली घटना की साजिश रची। सांजी राम रासना गांव में मंदिर का सेवादार था और उसने बकरवाल समुदाय को इलाके से हटाने के लिए मासूम बालिका के सामूहिक बलात्कार का षड्यंत्र रचा। पुलिस ने बताया था कि आरोपियों ने बालिका के अपहरण के तीन दिन बाद 13 जनवरी को उसकी हत्या कर दी थी। मौसम बहुत ठंडा होने की वजह से उन्हें इसके सड़ने की चिता नहीं थी और 16 जनवरी तक बालिका के शव को मंदिर के अंदर ही रखे रहे।  मामले की जांच करने वाले अधिकारी ने बताया कि बालिका दस जनवरी को लापता हुई थी और उसके अभिभावक खोजते हुए 11 जनवरी को मंदिर के नजदीक तक गए थे , लेकिन आरोपियों से बड़ी चालाकी के साथ मासूम के माता-पिता को गुमराह किया और वह वहां से चले गए। पुलिस ने बताया था कि बालिका का अपहरण करने वाले किशोर ने बच्ची के मुंह में जबरन नशीला पदार्थ भर दिया था। बालिका को कई दिन तक मंदिर के अंदर बंधक बनाए रखा गया और उसे लगातार नशीली दवाएं खिलाई जाती रहीं, जिससे  मासूम अपने साथ हो रहे अत्याचार का विरोध नहीं कर पाई। इस मामले में सातवें आरोपी विशाल को बरी कर दिया गया है।


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