कड़क धूप में रेंग-रेंग कर चल रही गाडि़यां

मकलोडगंज—पयर्टन एवं बौद्ध नगरी मकलोडगंज बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों की पार्किंग के लिए छोटी पड़ गई है। पिछले दस दिन से भी अधिक समय से शहर में बस स्टैंड व दो मंजिला कार पार्किंग को मनमाने तरीके से बंद किए जाने से ट्रैफिक जाम की स्थिति ज्यों की त्यों ही हैं। मैदानी क्षेत्रों में पड़ रही प्रचंड गर्मी में धर्मशाला और मकलोडगंज परिवार सहित छुट्टियां मनाने आने वाले बाहरी पयर्टकों को कार पार्किंग का दंश बखूबी झेलना पड़ रहा हैं। वहीं, पयर्टक स्थल में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। आलम यह हैं कि सप्ताह के शनिवार व रविवार के दिन बाहरी राज्यों के वाहनों को नियत्रंण करने में ट्रैफिक पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। पयर्टन सीजन की बात करें, तो मकलोडगंज के मुख्य चौक पर बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों की दस्तक से ट्रैफिक जाम आम बन गया है। यही नहीं, मकलोडगंज में प्रवेश करते ही बाहरी पयर्टक वाहन भागसूनाग की तरफ अपना रुख करते हैं। इससे ट्रैफिक पुलिस को यातायात नियंत्रण करने के लिए भागसूनाग से मकलोडगंज वापस लौटने वाले बाहरी वाहनों को बीच सड़क में ही रोकना पड़ता हैं, ताकि वाहनों का आवागमन बाधित न हों। लेकिन करीब दस किलोमीटर के दायरे में फैले मकलोडगंज सुविधाओं की बहुत अधिक दरकार है। मकलोडगंज के साथ-साथ भागसूनाग, नड्डी, धर्मकोट, गलूं, दलाईलामा टेंपल रोड, खड़ा डंडा मार्ग और कोतवाली बाजार तक को ट्रैफिक जाम ने पूरी तरह से जकड़ लिया है। ऐसे में देवभूमि हिमाचल में अतिथि सत्कार के नाम पर बाहरी सैलानी यहां के पयर्टन को कोसते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे हर दिन धर्मशाला के पर्यटन का ग्राफ धीरे-धीरे गिरता हुआ प्रतीत हो रहा है। बावजूद इसके सरकार, प्रशासन और बस मैनेजमेंट अथारिटी निजी कंपनी की मनमानी पर कोई रोक नहीं लगा पा रही है।