काटे गये पेड़ों के बदले पौधे लगाने के लिए गडकरी को पत्र

By: Jun 23rd, 2019 2:39 pm

भीलवाड़ा – पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण संस्था पीपुल फॉर एनीमल्स (पीएफए) की राजस्थान इकाई ने राजमार्गों पर काटे गये पांच लाख पेड़ों के बदले पन्द्रह लाख पौधे लगाने की पालना नहीं होने पर केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर पौधे लगाने की मांग की है। पीएफए के प्रदेश प्रभारी बाबू लाल जाजू ने आज बताया कि इस बारे में श्री गडकरी को पत्र लिखकर अवगत कराया है और काटे गये पेड़ों के बदले में एक पेड़ के स्थान पर तीन पौधे लगाने की पालना कराते हुए पौधे लगवाने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने राजमार्गों को चौड़ा करने के लिए काटे गये विशाल पेड़ों के बदले शर्तों के अनुसार पौधे लगाने की मांग करते हुए पत्र में बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा पौधे लगाने की खानापूर्ति करके डिवाईडर में झाड़ियां रौंप दी या कुछ पौधे लगाये जो सुरक्षा एवं रखरखाव के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। उन्होंने बताया कि लगाये गये पौधों में से 20 प्रतिशत पौधे भी जीवित नहीं है। उन्होंने बताया कि किशनगढ़-रतनपुर मार्ग के लिए 68213, चित्तौड़गढ़ बाईपास पर 9683, स्वरूपगंज पिण्डवाड़ा उदयपुर 15459, भीलवाड़ा-चित्तौड़-उदयपुर 21175, कोटा बाईपास 888, देवली कोटा 3370, 5930, देवली कोटा 5550, ब्यावर-पाली-पिण्डवाड़ा 20674, चित्तौड़गढ़ कोटा राजस्व 19949, वन विभाग 19798, भरतपुर-जयपुर 17342, 40980, पाली राष्ट्रीय राजमार्ग 12591, पिण्डवाड़ा आबू 3698, 5654, पाली-ब्यावर 8083, दौसा मेव 15167, पिण्डवाड़ा से उदयपुर 36152, फतहनगर-डबोक 1665, चित्तौड़गढ़ जोजरो का खेड़ा से रिठोला 9582, चित्तौड़-कोटा 11557, 6560, पकाई-झालावाड़ 32111, जयपुर-टोंक-देवली मार्ग 27000, भरतपुर-आगरा एवं अन्य मार्गों को चौड़ा करने के लिए एक लाख से अधिक पेड़ों को काट डाला गया है। उन्होंने बताया कि पेड़ लगाने के लिए सैकड़ों करोड़ रूपए प्राधिकरण एवं वन विभाग ने ले लिया है। उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूंदी मार्ग पर काटे गये 39 हजार पेड़ों के बदले में दुगुने पेड़ लगाने के मामले में जयपुर उच्च न्यायालय ने उनके द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर पेड़ लगाने के सख्त निर्देश देने के बावजूद दो वर्ष बीतने के बाद भी पौधे नहीं लगे हैं। श्री जाजू ने कहा कि यदि पौधे नहीं लगाये गये तो अवमानना को लेकर फिर न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी। 


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