कालका-शिमला रेल ट्रैक सैलानियों से गुलजार

सोलन—हिमाचल की वादियों का लुत्फ  उठाने के लिए भारी संख्या में बाहरी इलाकों से सैलानी ने पहाड़ों की रुख करना शुरू कर दिया है। इस बार लोग सड़क मार्ग की बजाए ट्रेनों में आना अधिक पसंद कर रहे है। इसके चलते विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर चलने वाली सभी ट्रेनों में सैलानियों का रश बढ़ गया है। बढ़ते रश को देखते हुए रेल मार्ग पर रेलवे बोर्ड द्वारा एक होली-डे स्पेशल ट्रेन चलाई है। गौरतलब हो कि मैदानी क्षेत्रों में बढ़ते तापमान के साथ ही पर्यटक हिमाचल के रुख कर रहे है। सड़क मार्ग के अलावा ट्रेनों से भी बहुत संख्या में पर्यटक प्रदेश की ओर पहुंच रहे है। बताया जा रहा है कि तीन दिनों से ट्रेनों में खासी भीड़ देखने को मिल रही है। रविवार को छुट्टी होने से  कालका से शिमला की ओर जाने वाली सभी ट्रेनें पर्यटकों से खचाखच भरी रही। यहां तक कि कुछ यात्री तो ट्रेन में भी खड़े-खड़े सफर करते हुए नजर आए। दूसरी ओर फोरलेन के कारण कालका-शिमला एनएच पर लग रहे ट्रैफिक जाम के डर से भी अधिकतर पर्यटक रेल मार्ग से ही देवभूमि की ओर रुख करना पसंद कर रहे है। यूं कहें तो पहली बार ऐसा हो रहा है जब सड़क मार्ग की अपेक्षा ट्रेनों से पर्यटक सोलन सहित प्रदेश की राजधानी पहुंच रहे है। इनमें से कुछ पर्यटक ऐसे भी है जो कालका से सोलन तक ट्रेन और सोलन से शिमला के बीच का सफर बस द्वारा तय कर अपना समय बचा रहे हैै। वहीं कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर प्रथम चरण में परवाणू से सोलन(चंबाघाट) व दूसरे चरण में सोलन (चंबाघाट) केथलीघाट तक फोरलेन का कार्य चला होने से अधिक समय लग रहा है। इसके चलते लोग परेशान भी हो रहे है।

हेरिटेज ट्रैक की खासियत

1903 में बिछाई गई कालका-शिमला रेलवे लाईन के घुमावदार मोड़ व सुरंगें सैलानियों को खूब रोमांचित करती है। हैरिटेज ट्रैक पर कालका से शिमला के बीच 102 सुरंगें व करीब 800 पुल है। समुद्र तल से करीब 2000 मीटर की ऊंचाई पर टॉय ट्रेन का सफर सैलानियों को खूब आकर्षित करता है।