किसानों का दर्द सीएम के टेबल पर

शिमला —किसान संघर्ष समिति की शनिवार को नारकंडा मे बैठक अध्यक्ष सुरिंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें किसान सभा के सचिव व विधायक राकेश सिंघा ने भी भाग लिया। इस बैठक में 15 ब्लॉक के बागबानों ने भागीदारी सुनिश्चत की और किसानों व बागबानों की समस्याओं पर चर्चा की गई। बैठक में सरकार से मांग की गई कि बागबानों का जिन आढ़तियों द्वारा बकाया भुगतान किया जाना है इन दोषी आढ़तियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और प्रभावित किसानों को भुगतान तुरंत करवाया जाए। आज कई वर्षों से हजारों बागबानों का सैकड़ों करोड़ रुपए आढ़तियों के पास फंसा हुआ है और शिकायत के बावजूद एपीएमसी इस पर कोई गौर नहीं कर रही है। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार द्वारा दोषी आढ़तियों से बागबानों के पैसे वसूलने के लिए जो एसआईटी बनाई गई हैं किसान संघर्ष समिति इसमंे सहयोग करेगी। समिति के सचिव संजय चौैहान ने कहा कि    बागबानों ने इस बैठक में एपीएमसी की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाए क्योंकि एपीएमसी अधिनियम, 2005 के तहत मंडियों को नियंत्रित करने का जो उत्तरदायित्व इसका है वह इसको निभाने में पूर्णतः विफल रही है। इसी लचर व्यवस्था के चलते आज विभिन्न मंडियों में आढ़ती किसानों व बागबानों से धोखाधड़ी व शोषण कर रहे हैं। इससे एपीएमसी, मार्केटिंग बोर्ड व आढ़ती तथा खरीददार की साठ-गांठ स्पष्ट होती है। बैठक में कई बागबानों ने चर्चा के दौरान अवगत करवाया कि कई मंडियों में गैर कानूनी तौर पर 30 से 40 रुपए तक प्रति पेटी वसूली की जा रही है। कानूनी रूप से 5 रुपए प्रति पेटी मजदूरी के रूप में ली जा सकती है इससे ज्यादा वसूली नहीं की जा सकती है। इस पर एपीएमसी कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे इसकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगता है। सरकार इस गैर कानूनी वसूली को तुरंत बंद करवाए तथा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध कार्रवाई कर इस वसूली को बागबानों को वापस करे। बैठक में चर्चा के पश्चात यह निर्णय लिया गया कि सरकार किसानों व बागबानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य व उसी दिन समय पर भुगतान के लिए एपीएमसी अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को तुरंत लागू करवाया जाए और सभी खरीददारों व आढ़तियों के नवीनीकरण व नए लाइसेंस बनाते समय सुरक्षा के रूप में कम से कम 50 लाख व बड़े खरीददारों की क्षमता अनुसार बैंक गारंटी अवश्य ली जाए। प्रत्येक आढ़ती व खरीददार का नियमानुसार लाइसेंस बनाया जाए तथा जो आढ़ती व खरीददार लाइसेंस नहीं बनाता है उसको कारोबार की इजाजत न दी जाए तथा यदि उसके बावजूद कोई कारोबार करता है तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। बैठक में निर्णय लिया गया कि 24 जून को उपमंडल व ब्लॉक स्तर पर बागबान प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपेंगे तथा सरकार किसानों व बागबानों से मंडियों में हो रही धोखाधड़ी व शोषण को रोकने को लेकर तुरंत कदम उठाए।