कीटनाशक बेचने को डिप्लोमा जरूरी

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइंस, नियमों की अनदेखी पर नहीं मिलेगा लाइसेंस

सोलन-केंद्रीय कृषि मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के मुताबिक कीटनाशक बेचने का कार्य कर रहे विक्रेताओं को अब एक वर्ष डिप्लोमा करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे देश के लाखों कीटनाशक विक्रेताओं पर रोजी-रोटी पर संकट के बादल छा गए हैं। ऐसे में दशकों से इस व्यापार से जुड़े बुजुर्गों को भी अब एक बार फिर से स्कूली बच्चों की तरह पढ़ाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ऐसा न करने पर उन्हें लाइसेंस नहीं मिल पाएगा और उन्हें अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, इस कारोबार से जुड़ने वाले नए लोगों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को भी बीएससी कर दिया गया है। इन नई गाइडलाइंस को पूरा न करने पर उन्हें अपने लाइसेंस से हाथ धोना पड़ सकता है। बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा इंसेक्टिसाइड्स एक्ट में किए गए संशोधन कीटनाशक विक्रेताओं के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं। इन संशोधन के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति कीटनाशक बेचने का कार्य करना चाहता है तो उसके लिए बीएससी की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन इन संशोधन का सबसे ज्यादा नुकसान देश के उन लाखों विक्रेताओं को उठाना पड़ रहा है, जो कि पिछले कई दशकों से इस व्यापार से जुड़े हैं। ताजा नियमों के अनुसार इन सभी विक्रेताओं को एक वर्ष का डिप्लोमा अनिवार्य किया गया है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी उन बुजुर्गों को उठानी पड़ रही है, जो अपनी जिंदगी के 70 या उससे अधिक वर्ष पूरे कर चुके हैं। पिछले कई दशकों से इस कारोबार के माध्यम से अपने परिवार को पालन-पोषण कर रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें एक बार फिर से छात्रों की तरह पढ़ाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह डिप्लोमा को हासिल करने के लिए उन्हें कृषि विभाग के उपनिदेशक कार्यालयों में 48 रविवार तक कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं। इन नियमों को पूरा न करने पर उनके समक्ष इस व्यापार को छोड़ने के अलावा दूसरे कोई विकल्प नहीं बचता है।