कुल्लू बस हादसे के बाद प्रशासन चौकन्ना

नाहन—सोमवार को जिला सिरमौर के रूटों में निगम और निजी बसें ओवरलोडिंग से रहित नजर आईं। वहीं बस स्टोपेज पर खड़ी सवारियों को बसों के न रुकने खासतौर पर निगम की बसें न रुकने से समझ नहीं आ रहा था कि बसें क्यों नहीं रुक रही हैं। दरअसल हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के बंजार में पिछले दिनों हुए दर्दनाक बस हादसे के बाद प्रशासन ने जागरूकता दिखाते हुए एक बार फिर ओवरलोडिंग पर शिकंजा कस दिया है। इस प्रभाव के तहत जिला सिरमौर के रूटों पर भी दो दिन से प्रशासन ने नुकेल कसी हुई है, जिसमंे एक भी अतिरिक्त स्टैंडिंग सवारी को मान्य नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते अधिकतर सवारियां बसें न रुकने के चलते गंतव्य के लिए दूसरी बसों के इंतजार में रह रही हैं। जिला सिरमौर में परिवहन विभाग व पुलिस विभाग ने ओवरलोडिंग वाले रूटों को भी अब चिन्हित करना शुरू कर दिया है, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर सरकार को भेजी जानी है। वहीं ऐसे रूटों पर भी विभाग ने पैनी नजर रखकर जिला सिरमौर में 23 लिंक रोड को चिन्हित कर लिया है, जहां निगम की बसंे और निजी बसें भी संचालित नहीं होती हैं। वहीं यह ऐसे रूट है,ं जहां पर मालवाहक वाहन से ही सवारियों को ढोया जाता है। विभाग ने जिला के दो दर्जन से अधिक ऐसे लिंक रोड पर योजना तैयार की है कि ऐसे रूटों को सरकार के समक्ष रखकर इन पर यदि अधिक सीटों वाली बड़ी बसें संचालित नहीं हो सकती हैं तो मैक्सी कैब को ही चलाया जाए। परिवहन विभाग सिरमौर के आरटीओ सुनील शर्मा एवं कार्यकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोना चौहान के अनुसार जिला में लिंक रोड के लिए एसडीएम की अध्यक्षता वाली रूट संचालित कमेटी एवं जिला स्तर पर डिस्ट्रिक रूट फॉरमूलेशन कमेटी का गठन कर दिया गया है। यही नहीं जिला में उपायुक्त सिरमौर की अध्यक्षता मंे जल्द ही सिरमौर के निजी बस आपरेटर की एक बैठक का आयोजन प्रस्तावित हो गया है। निजी बस आपरेटर प्रशासन को जिला के ब्लैक स्पॉट और डेंजर प्वाइंट साईट को बताएंगे, ताकि यहां पर क्रैश बैरियर इत्यादि लगाए जा सके। वहीं अब बस चालकों को अपना फोटो सहित डीएल नंबर चालक सीट के पीछे चस्पा करना आवश्यक होगा, ताकि सवारियों को पता चल सके कि प्रमाणिक चालक कौन है। हालांकि परिवहन विभाग ने पूरे जिला में नियमों अनुसार कार्रवाई के लिए तैयारियां कर ली हैं, मगर स्टॉफ की जबरदस्त कमी के चलते धरपकड़ मंे कहीं न कहीं लाचारी भी नजर आ रही है। बहरहाल सोमवार को भी जिला में विभाग ने निजी, निगम, स्कूल बसें तथा पिकअप इत्यादि में ओवर लोडिंग को लेकर अभियान तेज रखा हुआ है, जिसके चलते ओवरलोडिंग तो नजर नहीं आ रही है, मगर मुट्ठी भर बसों के संचालक सेवाएं और लाखों की आबादी की यात्रा को किस तरह गंतव्य तक पहुंचाया जाए यह भी समस्या खड़ी हो रही है।