गांव बचाने लपटों से भिड़ीं महिलाएं

बड़ोह— गढ़ी गांव एक बार फिर भयंकर आग से सहम गया। महिला शक्ति ने भयंकर आग की लपटों की परवाह न करते हुए आग के रुख को दूसरी तरफ मोड़ दिया। गत वर्ष भी गढ़ी गांव में महिलाओं ने बहुत सी खतरनाक आग की लपटों की परवाह न करते हुए आग पर काबू पाया था। इस बार फिर इन महिलाओं ने सूझ-बूझ और मेहनत से गांव को जलने से बचा लिया। रविवार दोपहर गढ़ी गांव के साथ लगते जंगल में आग लग गई। आग बड़ी तेजी से घरों की तरफ बढ़ने लगी। गांववासियों ने तुरंत इसकी सूचना फायर ब्रिगेड कांगड़ा को दी। फायर ब्रिगेड के बिना समय आग बुझाने  वाली गाड़ी गढ़ी के लिए भेज दी, लेकिन उक्त गाड़ी आधे रास्ते में खराब हो गई। इस बीच गांव की महिलाओं सुनीता, अंजु, अनु, रेणु, कांता, सोमा, भारती, सुदर्शना, कमला, कविता, सोनू, रीतू, सीमा आदि ने खुद ही आग बुझाने का निर्णय लिया। उन्होंने हितेश, कालीदास, मदन, शिशू आदि से मिलकर दूसरे छोर से आग के रुख को दूसरी ओर मोड़ दिया। उन्होंने घरों से पानी की बाल्टियां ला-लाकर जमीन पर पानी डालना शुरू कर दिया। साथ ही वाटर टैंक से पानी की पाइप डालकर आग पर छिड़काव करना शुरू कर दिया। इससे आग पर घर की तरफ आने से रुक गई। इस बीच नगरोटा से आग बुझाने वाली गाड़ी को वापस भेज दिया।