घाव पर इंजेक्शन लगाना जरूरी

जानवर के काटने पर जरूरी, कम होता है रैबीज का खतरा

कांगड़ा –जानवर के काटने पर व्यक्ति के घाव वाले स्थान पर इंजेक्शन लगवाना अति आवश्यक होता है। जानवर के काटने से होने वाले घाव में इंजेक्शन लगाने से रैबीज का खतरा कम हो जाता है। घाव में इंजेक्शन लगाने के लिए अभी तक इतनी जागरुकता न ही लोगों में हैं और न ही चिकित्सक इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। रैबीज बीमारी के खतरों को लेकर कंसोर्टियम अंगेस्ट रैबीज संस्था जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। इसी फेहरिस्त में डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में भी दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। शनिवार को इस सेमिनार का समापन हुआ। इस सेमिनार में भारतवर्ष के हिमाचल सहित उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, जे एंड के तथा अन्य राज्यों के एक सौ से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस दौरान विशेषज्ञों तथा शोधकर्ताआें द्वारा रैबीज बीमारी की रोकथाम को लेकर उनके अनुभवों तथा शोध पत्रों को भी इस सेमिनार में रखा। कंसोर्टियम अंगेस्ट रैबीज के महासचिव एवं मौलाना आजाद मेडिकल कालेज के प्रो. डा. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि जानवरों के काटने पर आमतौर पर लोग घरेलु नुस्खों का प्रयोग करते हैं। इस लापरवाही की कीमत उन्हें अपनी जान देकर भी गंवानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि एंटी रैबीज वैक्सीन सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध होती है, लेकिन इस वैक्सीन को लगाने के लिए भी लोगों में अभी जागरुकता की कमी है। उन्होंने कहा कि जब कोई भी जानवर व्यक्ति को काटता है, तो घाव पर भी एक इंजेक्शन लगाना चाहिए। इसके लिए चिकित्सकों तथा व्यक्ति में जागरुकता होना आवश्यक है। इसके अलावा चार इंजेक्शन कंधे पर लगाए जाते हैं। वहीं सेमिनार में अन्य शोधकर्ताआें ने अपने पत्र पढ़े।