चमकी बुखार से बिहार बेहाल

By: Jun 19th, 2019 12:04 am

मुजफ्फरपुर में अब तक 129 बच्चों की मौत, मृतकों में 80 फीसदी बच्चियां

मुजफ्फरपुर -बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार कहे जाने वाले अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के चलते हो रही मौतों से पूरे देश गम में है। अब तक 129 बच्चों की मौत हो चुकी है और 300 अब भी गंभीर रूप से बीमार हैं। वहीं, दूसरे छोटे अस्पतालों में या बिना इलाज के मरे बच्चों का अभी आकलन नहीं किया गया है। चिंताजनक बात यह है कि मरने वाले या गंभीर रूप से बीमार बच्चों में 80 फीसदी बच्चियां हैं। उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन हफ्ते बीत जाने के बाद मंगलवार को मुजफ्फरपुर जाने की सुध ली, तो लोगों ने उनका जमकर विरोध किया। एसकेएमसीएच अस्पताल के बाहर आक्रोशित लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों ने नीतीश गो बैक और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। बाद में नीतीश कुमार ने बच्चों के परिजनों को राहत का आश्वासन दिया और डाक्टरों से स्थिति की जानकारी ली। इसी बीच, चमकी बुखार की वजह से बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में याचिका दायर कर गुहार लगाई गई है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि बिहार में 500 आईसीयू और मोबाइल आईसीयू की व्यवस्था की जाए।

4जी से हुईं मौतें

मौतों के बारे में जब यहां के सांसद अजय निषाद से सवाल किया, तो उन्होंने बेहद लापरवाही से बयान देते हुए कहा कि इस बार ज्यादा मामले आ रहे हैं, इसकी वजह गर्मी भी है। गर्मी बहुत ज्यादा हो रही है, उसका रोकथाम करने के लिए पेड़-पौधे लगाना चाहिए। बीमारी की असली वजह 4जी है, जी फॉर गर्मी, गांव, गरीबी और गंदगी। इससे बीमारी का ताल्लुक है।

जैसे ही बारिश थमेगी यह भी रुक जाएगा

जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने इन्सेफलाइटिस से मौतों पर बेहद गैर-जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। कई सालों से जब भी गर्मियां आती हैं, बच्चे बीमार पड़ जाते हैं और मौत का आंकड़ा बढ़ जाता है। ऐसा हर बार होता है, सरकार ने व्यवस्था की है। जैसे ही बारिश शुरू होगी, यह रुक जाएगा।


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