चरस तस्करों को कारावास

मंडी—जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी आरके शर्मा की अदालत ने चरस तस्करी के दो दोषियों को 10-10 वर्ष के कारावास के साथ-साथ जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला उप न्यायवादी मंडी नवीना राही ने बताया कि 18 जनवरी, 2016 को अन्वेक्षण अधिकारी मुख्य आरक्षी नंद लाल सुंदरनगर थाना अपनी पुलिस टीम के साथ समय करीब डेढ़ बजे दिन सुंदरनगर के पास चौमुक्खा नामक स्थान पर यातायात चैकिंग के लिए मौजूद था, तो उस समय मंडी की तरफ से एक कार आई जिसमें दोनों आरोपी प्रदीप कुमार पुत्र जगत सिंह निवासी सागी तहसील व जिला रोहतक (हरियाणा) और सुनील पुत्र रामफल गांव कार्ड तहसील इसराना जिला पानीपत बैठे थे। शक के आधार पर उक्त कार को चैक करने पर गाड़ी की ड्राइवर सीट के नीचे से एक कैरी बैग में से एक किलो 306 ग्राम चरस बरामद हुई थी। इस पर सुंदरनगर थाना में अभियोग संख्या 18/2016 दर्ज हुआ था। इस मामले की तफतीश मुख्य आरक्षी नंद लाल ने अमल में लाई थी और जांच पूरी होने पर मामले का चालान थाना प्रभारी सुंदरनगर ने अदालत में दायर किया था। अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने की थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत में 11 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए थे। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पाया कि आरोपी प्रदीप कुमार और सुनील द्वारा एक किलो 306 ग्राम चरस रखने का अपराध, संदेह की छाया से परे सिद्ध हुआ है और अदालत ने दोनों आरोपियों प्रदीप कुमार ुपुत्र जगत सिंह निवासी सागी तहसील व जिला रोहतक और सुनील पुत्र रामफल जिला पानीपत को एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत दस-दस वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोनों दोषियों को एक-एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई।