छह महीने बाद मनाली-लेह मार्ग बहाल

 सात से दौड़ेंगी गाडि़यां, पर्यटन कारोबार को मिलेगी रफ्तार ,बीआरओ के जवानों ने तय समय के भीतर हासिल की कामयाबी

मनाली -मनाली-लेह मार्ग के दोनों छोर बुधवार को बीआरओ ने जोड़ दिए हैं। लिहाजा छह माह बाद मनाली-लेह मार्ग बहाल कर दिया गया है। सीमा सड़क संगठन के जवानों को उक्त मार्ग बहाल करने में जहां कड़ी चुनौतियांे का सामना करना पड़ा है, वहीं सात जून से उक्त मार्ग पर छोटे वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में जहां लाहुल-स्पीति के पर्यटन करोबार को रफ्तार मिलेगी, वहीं मनाली-लेह मार्ग की बहाली के साथ ही लाहुल-स्पीति में जनजीवन भी पटरी पर लौटेगा। उल्लेखनीय है कि मनाली-लेह सड़क दुनिया की सबसे ऊंची सड़क है और इसके खुलने का इंतजार जहां सड़क मार्ग से लेह जाने वाले सैलानियों को रहता है, वहीं  साहसिक पर्यटन में रूचि रखने वाले भी इस सड़क पर सफर करने और गाड़ी चलाने का शौक रखते हैं। उधर, इस मार्ग के खुल जाने से लेह सीमा पर तैनात भारतीय सेना के लिए भी रसद पहुंचाना आसान हो जाता है। सीमा सड़क संगठन के जवानों ने मंगलवार को जहां बारालाचा दर्रे से बर्फ हटा मनाली-लेह मार्ग को बहाल कर दिया है,वहीं नवंबर महीने से बंद पड़े मनाली-लेह मार्ग पर दो दिन के भीतर वाहनों की आवाजाही शुरू करने की बात बीआरओ के अधिकारी कर रहे हैं। सेना की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग से बीआरओ ने बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिया है। करीब 476 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह मार्ग बहाल करने के लिए बीआरओ को खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा है।  मार्ग के बहाल होने से जहां देश-विदेश के सैलानी 15 हजार फुट ऊंचे बारालाचा और साढ़े 17 हजार फुट ऊंचे तांगलंगला दर्रे का सफर कर रोमांचित होंगे, वही लेह-लद्दाख की सीमा पर बैठे देश के प्रहरियों तक पहुंचाना भी आसान होगा। मनाली से 224 किलोमीटर दूर पर्यटन स्थल सरचू को भी बहाल कर लिया है। लेह मार्ग बहाली का हजारों सैलानी बेसब्री से इंतजार कर रहे हंै।बीआरओ के लेफ्टिनेंट कर्नल ऊमा शंकर का कहना है कि मंगलवार को मनाली-लेह मार्ग को बहाल करने में बीआरओ ने कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि सात जून से छोटे वाहनों की आवाजाही भी मनाली-लेह मार्ग पर शुरू करवा दी जाएगी। सबसे पहले सेना के वाहनों को मनाली-लेह मार्ग से गुजारा जाएगा। यहां बता दें कि सीमा पर भारतीय सेना के लिए रसद पहुंचाने के लिए मनाली-लेह मार्ग अहम भूमिका अदा करता है। ऐसे में उक्त सड़क के बहाल होते ही बीआरओ भी सबसे पहले सेना के वाहनों को ही इस सड़क पर दौड़ाएगी।