छुट्टियों में अब बदलाव का वक्त

स्कूलों में छुट्टियों को लेकर आमजन और अभिभावकों में शिक्षा विभाग का फरमान रास नहीं आ रहा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले बरसात को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली बच्चों को छुट्टियों का शेड्यूल बनाया जाता था, लेकिन 26 जून की बजाय जुलाई 16 से स्कूलों में छुट्टियां होने के लिए आमजन और अभिभावकों ने मांग उठाई थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आखिरकार शिक्षा विभाग ने 26 जून से छुट्टियों का शेड्यूल जारी कर दिया। ‘दिव्य हिमाचल’ ने इस बारे में आमजन और अभिभावकों की नब्ज टटोली, जिसमें अधिकतर का छुट्टियों को लेकर 16 जुलाई के बाद ही पक्ष नजर आया है। जनता ने सरकार से मांग की है कि इन छुट्टियों का शेड्यूल जून की बजाय जुलाई महीने से जारी करना चाहिए।

                                                                                    मंगलेश कुमार, हमीरपुर

 इस बार भी नहीं बदला शेड्यूल

राजेश कुमार ने बताया कि बरसात की छुट्टियों का शेड्यूल इस बार भी सरकार नहीं बदल पाई है, जबकि शिक्षा विभाग के साथ संगठनों के नेताओं की बैठक भी हुई, लेकिन कोई भी सार्थक परिणाम सामने नहीं आए हैं। जिसका खामियाजा स्कूली छात्रों को बरसात में चुकना पड़ सकता है।

 बरसात के हिसाब से हों छुट्टियां

राजकुमार का कहना है कि बरसात के महीनों में पहले दो माह की छुट्टियां हुआ करती थीं। जैसे-जैसे छुट्टियों के शेड्यूल में बदलाव किया गया है, वह समय रहते बरसात के हिसाब से सही नहीं है। सरकार व शिक्षा विभाग को बरसात की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए बरसात की छुट्टियां नए शेड्यूल के तहत करनी चाहिए।

सावधानी से फैसला लेने की जरूरत

अंकुश ने बताया कि सरकार व विभाग को छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए सावधानी से फैसला लेने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अवकाश ऐसे समय में मिलना ही सही है, जब अधिक बरसात अमूमन देखी जाती है।

 सही फैसला नहीं लिया तो करेंगे आंदोलन

जगरन्नाथ का कहना है कि सरकार व विभाग ने तुगलकी फरमान चलाने वाला हिसाब रखा है, जो कि अब कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सही समय पर छात्रों को अवकाश प्रदान नहीं किया गया, तो इसके खिलाफ उग्र आंदोलन भी किया जाएगा।

 15 जुलाई से हों छुट्टियां

कविराज ने बताया कि बरसात के मौसम में भारी बारिश और सड़कों की दयनीय हालत से छात्रों को और अधिक परेशानियां होती हैं। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि छुट्टियों को 15 जुलाई से 17 अगस्त तक किया जाना चाहिए, ताकि भारी बरसात में छात्रों को ज्यादा परेशान नद्य होना पड़े।